नूंह , 03 जुलाई( ) उपायुक्त शक्ति सिंह ने कहा कि सभ्य समाज में नशे के लिए कोई जगह नहीं है, इसलिए नशा मुक्त समाज बनाने के लिए सभी को सामुहिक प्रयास करने की आवश्यकता है, क्योंकि नशे के कारण ही समाज मे
विभिन्न प्रकार की कुरीतियों पनपती हैं और कुरीतिहीन समाज की संरचना के लिए सभी प्रकार के नशे का जड़ मूल से खात्मा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस प्रतिवर्ष 26 जून को मनाया जाता है ताकि युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक कर इससे होने वाले दुष्प्रभावों बारे अवगत करवाया जाए जिससे नशा मुक्त व स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त समाज की कल्पना को साकार करने के लिए हम सबको इसके खिलाफ जन जागरूकता पैदा करनी होगी ताकि हम अपनी युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त में आने से बचा सकें। इसके लिए सबसे पहले हमें स्वयं जागरूक होना होगा और मिशन के रुप में एकजुट होकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि आज समाज में नशा चुनौतीपूर्ण ढंग से बढ़ रहा है, जिसे रोकने के लिए सभी को प्रयास करने होंगे जिससे जिला से नशा जड़ मूल से समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि नशे से मानसिक पीड़ा के साथ-साथ माइग्रेन, सिरदर्द एवं चक्कर आना, इनसोमनिया (नींद न आने की बीमारी), चिंता, भय, घबराहट, डिप्रेशन, याददाश्त में समस्या आदि बीमारियां उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर नशे की गिरफ्त में फंसे लोगों को सिर्फ दवाएं देकर ठीक करने की कोशिश की जाती है। असल में दवाओं के साथ साथ नशा ग्रस्त की काउंसलिंग भी जरूरी है। उपायुक्त शक्ति सिंह ने कहा कि नशे का जहर समाज को तेजी से निगल रहा है। भावी पीढ़ी भी नशे की चपेट में आ रही है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों का प्रयोग एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है। नशा सेवन करने वाला इंसान खुद तो तबाह होता ही है साथ ही अपना परिवार भी उजाड़ देता है। नशा त्यागने के लिए दृढ इच्छा शक्ति व संकल्प का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि नशे के कारण समाज में आपराधिक घटनाएं भी बढ़ती हैं जोकि भविष्य के लिए चिंता का विषय है। इस प्रकार से नशा केवल व्यक्तिगत नुकसान ही नहीं करता बल्कि पूरे परिवार व समाज को भी बुरी तरह से प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि नशा को समाज से खत्म करना सबकी सामूहिक जिम्मेवारी है। नशे के खिलाफ सभी को एकजुट होकर लडना होगा।
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