नई दिल्ली, । Diabetes Diet: डायबिटीज़ के मरीज़ों की संख्या भारत में तेज़ी से बढ़ रही है। यह बीमारी ख़राब लाइफस्टाइल का नतीजा होती है और कई बार ये माता-पिता के जरिए बच्चों में जेनेटिक रूप से पहुंच जाती ह
। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है, इसे सिर्फ लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाइयों की मदद से कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज़ होने का मतलब है कि शरीर में बल्ड शुगर लेवेल नियंत्रण में नहीं है। डायबिटीज़ को अगर कंट्रोल में न रखा जाए, तो यह मोटापा, किडनी फेलियर और दिल संबंधित बीमारी को पैदा कर सकती है। जो लोग डायबिटीज के मरीज़ हैं उन्हें एक निश्चित डाइट फॉलो करनी चाहिए और रोज़ाना एक्सरसाइज़ करनी चाहिए। यूं तो ऐसी कई सब्ज़ियां और फल हैं, जो डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फायदेमंद होती हैं, लेकिन आज हम बात करेंगे प्याज़ की। जी हां, डायबिटीज़ को रोकने में प्याज़ काफी मदद करती है। एक शोध के मुताबिक प्याज़ में कई तरह के फ्लेवोनॉइड्स होते हैं, जो कि ब्लड ग्लूकोज़ को नियंत्रित रखते हैं। साथ ही सेहत और इम्युनिटी को बढ़ावा देते हैं। तो, आइए जानें कि प्याज़ कैसे ब्लड शुगर को सही स्तर को बनाए रखती है। प्याज़ में होता है हाई फाइबर प्याज़ में काफी उच्च मात्रा में फाइबर होता है और फाइबर पचने में टाइम लेता है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर में धीरे-धीरे आता है। फाइबर आपके मल में भारीपन जोड़ता है, जो कब्ज को कम करने में मदद कर सकता है। डायबिटीज़ के मरीज़ों को कब्ज़ होना आम बात है। लाल प्याज़ में फाइबर की मात्रा ज़्यादा होती है, जबकि स्प्रिंग अनियन यानी वसंत प्याज़ में फाइबर की मात्रा सबसे कम होती है। प्याज़ में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कम प्याज़ में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा काफी कम होती है। यही वजह है कि यह डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए बेहद फायदेमंद होती है, क्योंकि कार्बोहाइड्रेट खाने को बहुत तेज़ी से पचाता है, जिसका मतलब यह है कि बल्ड में तेज़ी से शुगर रिलीज़ भी होता है। डायबिटीज़ के मरीज़ों को कम कार्बोहाइट्रेड वाले फूड खाने की सलाह दी जाती है। प्याज़ में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycaemic Index) खाने की चीज़ों को दी गई एक वैल्यू है, जिसके आधार पर यह शरीर में बल्ड शुगर के स्तर को प्रभावित करते हैं। क्योंकि प्याज़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 10 है, इसलिए यह इस मामले में एक आदर्श फूड है। डायबिटीज़ को इस तरह के फूड अपने डाइट चार्ट में शामिल करने की सलाह दी जाती है।
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