आज है अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस, जानें इसका इतिहास और महत्व

Khoji NCR
2021-07-03 08:05:33

नई दिल्ली, । आज अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस है। यह हर साल जुलाई महीने के पहले शनिवार को मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 1923 में मनाया गया था। उस समय से यह हर साल मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्

लोगों को मिलजुल कर कार्य करने के लिए जागरूक करना है। इस साल की थीम Rebuild Better Together यानी एक साथ बेहतर पुनर्निर्माण करें। इस अवसर पर देशभर में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं। हालांकि, कोरोना महामारी के चलते वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें लोग सोशल मीडिया के जरिए ऑनलाइन कार्यक्रम में भाग लेते हैं। देशभर में कई ऐसे संगठन हैं, जो सहकारिता के लिए प्रयासरत हैं। सरकार भी इन संगठनों की आर्थिक रूप से मदद करती है। आइए, अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के इतिहास और महत्व को विस्तार से जानते हैं- अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस का इतिहास सहकारिता का तात्पर्य सहभागिता है। आसान शब्दों में कहें तो मिलजुल कर काम करने को सहकारिता कहा जाता है। "साथी हाथ बढ़ाना" के मकसद से समस्त मानव जगत का कल्याण करना है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि इसे पहली बार साल 1923 में मनाया गया था। साल 1995 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक प्रस्ताव पेश कर जुलाई महीने के पहले शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाने की पहल की। इसे सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से पास कर दिया। वर्तमान समय में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस दुनियाभर में एक साथ मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता का महत्व आजकल सहकारिता शब्द का महत्व बढ़ गया है। खासकर कोरोना काल में लोग तनाव भरी ज़िंदगी गुजार रहे हैं। इस समय लोगों को एक दूसरे की सहायता की आवश्यकता है। इसके लिए सहकारिता जरूरी है। सरकार की तरफ से भी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। देशभर में कई सहकारी संगठन हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए रोजगार का सृजन कर रहे हैं।

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