नई दिल्ली, । Coronavirus Vaccine: आपके दिल में भी यकीनन यह ख्याल कई बार आया होगा कि कोविड-19 वैक्सीन की एक डोज़ क्या आपको संक्रमण से बचा पाएगी? तो इसका जवाब है हां, कोविड वैक्सीन की एक डोज़ भी संक्रमण के खिलाफ आ
की सुरक्षा ज़रूर करेगी, लेकिन उस स्तर की नहीं जितनी दो डोज़ करेंगी। एक्सपर्ट्स भी यही राय दे रहे हैं कि लोगों को दोनों डोज़ लगवानी चाहिए। ख़ासतौर पर ऐसे समय जब कोरोना वायरस का म्यूटेंट डेल्टा वेरिएंट, जो सबसे पहले भारत में देखा गया अब कई देशों में कहर भरपा रहा है। विश्व स्तर पर कोविड-19 की जो वैक्सीन्स तैयार की गईं, वे साल 2019 के अंत में पाए गए वायरस के मूल संस्करण को लक्षित करने के लिए बनाई गई थीं। हालांकि, यह वैक्सीन्स इस वक्त नए वेरिएंट के खिलाफ भी काम कर रही हैं, लेकिन एक चिंता यह है कि अगर वायरस इसी तरह रूप बदलता गया तो यह शॉट्स अंततः अपनी प्रभावशीलता खो सकते हैं। डेल्टा वेरिएंट पर ब्रिटिश शोधकर्ताओं के एक अध्ययन ने पाया कि जिन लोगों को एस्ट्राज़ेनेका और फाइज़र-बायोएनटेक की दोनों ख़ुराक मिली हैं, वे पूरी तरह से सुरक्षित थे। वहीं, एक डोज़ से सुरक्षा कम पाई गई। ब्रिटेन में डेल्टा वेरिएंट को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हाल ही में पूरी तरह से लॉकडाउन नहीं हटाया है, ताकि लोगों को दोनों डोज़ लग सके। स्वास्थ्य अधिकारी उन देशों को लेकर भी चिंतित हैं जहां अब भी अनुशंसित समय सीमा के अंदर दूसरी खुराक उपलब्ध नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने कहा है कि वैक्सीन की सिर्फ एक खुराक कोविड के नए वेरिएंट के प्रकोप को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं होगी। जब तक सभी लोगों को पूरी वैक्सीन नहीं लग जाती, तब तक लोगों को शारीरिक दूरी बनाए रखना होगी। WHO की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ना कहा, " वैक्सीन की दूसरी डोज़ बेहद ज़रूरी है, क्योंकि यह वास्तव में प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है ताकि एंटीबॉडी की प्रतिक्रिया बहुत मज़बूत हो सके।"
Comments