हथीन / माथुर : उपायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग पलवल द्वारा 7 दिसंबर 2020 से पशुओं में दूसरे चरण का मुंहखुर, गलघोटू (एफएमडी एवं एचएस) का संयुक्त टीकाकरण किया जाएगा। इसके लि
विभाग की ओर से टीकाकरण हेतू 23 टीमों का गठन किया गया है, जोकि घर-घर जाकर पशुओं का टीकाकरण करेंगी। प्रत्येक टीम का नेतृत्व क्षेत्र के पशुचिकित्सक करेंगे तथा उपमण्डल अधिकारी पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग की सभी टीमों का निरिक्षण करेंगे। इस अभियान के तहत टीमें पशुपालक के घर, गली व मौहल्ले तक पहुंचकर टीकाकरण करेंगे। पशुपालन उपनिदेशक डा. नरेन्द्र कुमार ने बताया कि टीकाकरण के प्रथम चरण में जिले के लगभग 2.25 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है, जिसमें पशुपालको का सहयोग सराहनीय रहा। उन्होंने पशुपालको से आह्वïान किया है कि वे अपने सभी पशुओं को यह टीका अवश्य लगवाएं तथा पशुओं को इन बिमारियों से बचाएं। इस अभियान की सफलता हेतू प्रयास होगा कि एक भी पशु छूटे ना, सुरक्षा चक्र टूटे ना। यह है मुहंखुर रोग- यह एक विषाणु जनित बिमारी है। इस बीमारी में पशु के मुंह में छाले व पैरो में घाव हो जाते है तथा तेज बुखार आता है। पशु दूध देना बंद कर देता है व पूर्ण रूप से नकारा व कमजोर हो जाता है। यह है गलघोटू बीमारी यह एक बैक्टिरीया जनित बिमारी है। इससे पशु को तेज बुखार आता है। गले में सूजन आती है तथा पशु को सांस लेने में दिक्कत आती है। इसमें 90 प्रतिशत पशुओं की मृत्यु हो जाती है। इन दोनो ही बीमारियों में पशुपालक को नुकसान झेलना पडता है। क्योंकि या तो बीमारी से ग्रसित पशु की मृत्यु हो जाती है या पशु दूध देना बंद कर देता है। उपनिदेशक ने बताया कि कई पशुपालको में यह भ्रम है कि टीकाकरण से दूध घटता है या गर्भपात होता है, जबकि यह बात वैज्ञानीक दृष्टीकोण से सही नहीं है। कई बार पशु को थोडा बहुत बुखार की शिकायत हो सकती है या टीके वाली जगह पर गांठ बन सकती है। परन्तु नुकसान वाली कोई बात नहीं होती। टीकाकरण के समय तुरन्त टीके वाले स्थान पर मालिश कर देनी चाहिए ताकि गांठ न बने। अत: सभी पशुपालको से अपील है कि वे अपने सभी पशुओं को यह टीका अवश्य करवाएं तथा इस राजकीय कार्यक्रम में भगीदार बने।
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