नई दिल्ली, । कोरोनाकाल में नवजात शिशुओं को जन्म देना भी खतरे से खाली नहीं है। मां से बच्चे में इस संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक रहता है। कुछ समय पहले तक अगर मां कोरोना पॉजिटिव हो जाए तो बच्चे को
न्म के बाद मां से दूर कर दिया जाता है। लेकिन अब डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना पॉजिटिव मां को बच्चों से दूर करना ठीक नहीं है। नवजात बच्चों को मां से दूर नहीं करना चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक मां का दूध बच्चों के लिए सबसे ताकतवर चीज है जिससे बच्चे में Covid-19 और अन्य संक्रमण के खिलाफ इम्यूनिटी पैदा होती है। बच्चे को कोरोना काल में भी कंगारू केयर की जरूरत: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार मां को अपने नवजात बच्चे की कंगारू की तरह हिफाज़त करने की जरूरत है। जिस बच्चे का वजन 2 किलो से कम है, ऐसे बच्चों को कंगारू मदर केयर की तत्काल आवश्यकता है। कंगारू अपने बच्चे को पेट में बने एक पाउच में पालता है और उसे सुरक्षित रखता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मां और बच्चे का स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट बच्चे की हेल्थ के लिए बहुत असरदार होता है। अगर मां अपने नवजात को छाती से चिपकाती है तो उससे बच्चे को गर्मी मिलती है और मां को ममता का एक अलग अहसास मिलता है। अगर बच्चे में कोई संक्रमण होता है तो बच्चे के अंदर मां की एनर्जी से उसकी इम्यूनिटी बूस्ट होती है। मां को बच्चे से दूर नहीं करना चाहिए: विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड पॉजिटिव मां से उसके बच्चे को दूर नहीं करना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि अगर मां को बच्चे से दूर कर दिया जाए तो बच्चे में कोविड-19 या अन्य संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। और अगर मां के दूध से वंचित कर दिया जाए, तो इस स्थिति में बच्चे पर और ज्यादा जोखिम पनपने लगता है। एक्सपर्ट की राय में मां का दूध ही ऐसी चीज है जो बच्चे को किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचा सकता है। WHO ने लैंसेट इक्लिनिकल मेडिसिन के हवाले से कहा है कि पैरेंट्स के नजदीकी संपर्क से बच्चा सुरक्षित रहता है। कई देशों में मां के कोविड पॉजिटिव हो जाने के बाद उसे बच्चे से अलग कर दिया जाता है, इसलिए यह सलाह दी जाती है कि अगर मां कोविड पॉजिटिव भी है तो भी बच्चे के जन्म के पश्चात उसका बच्चे के साथ स्किन टू स्किन कनेक्ट होना जरूरी है। कई अध्ययन में देखा गया है कि अगर मां पॉजिटिव भी हो जाए तो रेयर ही किसी बच्चे में इसका संक्रमण होता है।
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