नारनौल। नांगल चौधरी के विधायक डा. अभय सिंह यादव ने गत दिनों दक्षिणी हरियाणा की लगभग दो सौ पंचायतों द्वारा सरपंचों व अन्य जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्रेस में की गई खुली अपील को अपना समर्थन द
ते हुए आज एक प्रेस नोट के माध्यम से इसे एसवाईएल एवं हांसी बुटाना जैसे जटिल मामलों पर पंजाब के किसानों के साथ सौहार्दपूर्ण भाईचारे में बात करने का एक स्वर्णिम अवसर बताया। उन्होंने कहा इस तरह के उलझे हुए मामलों को सुलझाने के लिए कई बार इतिहास अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि बड़ी खुशी की बात है कि केंद्र सरकार के साथ किसानों की राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक हितों पर सार्थक वार्ता हो रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस वार्ता के सार्थक परिणाम भी निकलेंगे। गत दिनों उक्त वार्ता में केंद्रीय किसान कानूनों के अतिरिक्त अन्य किसान हित के मामले भी सम्मिलित किए गए हैं जिन पर किसान नेताओं ने अपनी बात सार्थक तरीके से केंद्र सरकार के समक्ष रखी है। हरियाणा पंजाब के बीच कुछ मसले जो सीधे किसान से संबंधित हैं वे काफी समय से उलझे हुए हैं। हांसी बुटाना नहर को बने दशकों बाद भी उसमें पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। एसवाईएल नहर के बनने के बाद भी उसे पाटने की कोशिश की जा रही है । यह सभी मसले पंजाब और हरियाणा के किसानों के बीच में सीधे वार्तालाप से अगर सुलझाए जाएं तो वह सरकारों के प्रयास से ज्यादा सार्थक एवं कारगर उपाय ढूंढ सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को दोनों ही तरफ से अपनी-अपनी समस्याओं का जमीनी ज्ञान है। अतः यदि दोनों राज्यों की किसान यूनियन इस समय जो कंधे से कंधा मिलाकर किसानों के हित की बात कर रहे हैं वह इन विषयों पर भी एक विशेष सत्र रखकर अपनी अपनी बात कह सकते हैं और एक दूसरे की समस्याओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं। इस मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पहले से ही निर्णय दे रखे हैं। अतः उक्त फैसलों को लागू करने का यदि दोनों राज्यों के किसान संगठन व्यवहारिक और सार्थक तरीका आपसी बातचीत से निकाल लें तो यह व्यापक राष्ट्रहित में एक उचित समय पर उचित कदम होगा। उन्होंने कहा कि उनका मकसद इसमें कोई राजनीति ढूंढने का नहीं है एवं वह साफ दिल से यह महसूस करते हैं कि राजनीति से बाहर निकल कर ही इस तरह के मसलों का हल ढूंढा जा सकता है। बशर्ते कि दोनों पक्ष एक दूसरे की समस्याओं को समझकर उन समस्याओं में से ही समाधान ढूंढने की कोशिश करें तो समाधान संभव हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि यह मसले दोनों राज्यों के किसानों से सीधे संबंधित है। अतः इसमें पहल अगर किसान सीधे आपसी बातचीत की करें तो यह चिर लंबित समस्या के समाधान में एक बहुत सार्थक कदम होगा। अतः उन्होंने दोनों राज्यों के किसान संगठनों से अपील की कि उनकी इस बात पर गौर करें। इसके साथ ही सभी राजनीतिक दलों से भी उन्होंने अपील की कि इस विषय पर राजनीति से बाहर निकल कर सार्थक सोच के साथ किसान भाइयों के हितों की सुरक्षा का ईमानदार प्रयास सभी मिल
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