खोजी/सुभाष कोहली। कालका। कालका-पिंजौर वासियों ने तुलसी राम धर्मशाला में एक बैठक कर एक दूसरे से गंभीर विचार विमर्श के बाद कालका बाजार में रोष मार्च निकाल जताया विरोध व आये हुए सभी हल्का वासिय
ं ने आखिर में मां कालका के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की व हल्का वासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि कालका क्षेत्र की जनता ऐसी किसी भी मुहिम का डट कर विरोध करेगी, जो लोग मां कालका का नाम बदलने की मुहिम को चलाने का कार्य कर रहे हैं। सभी वक्ताओं ने ऐसी सोच भविष्य में भी मन मे न लेकर आने की नसीहत भी दी है। कालका के नाम में बदलाव किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि इसी विषय को लेकर कालका की तुलसीराम की धर्मशाला में एक बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमे शहर की 36 बिरादरी के लोग सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक संस्थाओं व हल्के के गणमान्य लोग उपस्थित हुए। सभी ने अपने विचार रखते हुए कालका का नाम बदले जाने का कड़ा विरोध व भर्त्सना की। वक्ताओं ने बताया कि ये बैठक शहर का नाम बचाने के लिए पूरी तरह से सामाजिक व गैर राजनीतिक बैठक थी और इस बैठक के अंत में सभी के द्वारा एक स्वर में यह निर्णय भी लिया गया कि इस लड़ाई को अंत तक लड़ा जायेगा। जिसका उपस्थित लोगों ने अपने हाथ उठाकर सहमति प्रदान की। इस अवसर पर मोहित वसई, प्रवीण हुड्डा, पंडित उमेश दत्त शाश्त्री, विनोद सावर्णी, औटो यूनियन के प्रधान व पूर्व पार्षद आर के वैध, जसवीर सिंह जस्सा, धर्मपाल सहित कई लोगों ने इस मुहिम के विरोध में अपने विचार रखे व ऐसी बेतुकी मुहिम को न रोके जाने की एवज में मुहिम चलाने वालों के घरों के सामने विरोध करने की चेतावनी भी दी। बैठक के उपरांत कालका बाजार से काली माता मंदिर तक विरोध प्रदर्शन किया गया व काली माता के मंदिर में कालका का नाम बदलने वालों को सद्बुद्धि देने की अरदास की गई। इस विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप में महेश शर्मा टिंकू, श्याम ठाकुर, इंद्रवीर सिंह, दलजीत सिंह मराड़ (आरपीआई अठावले), पं. विवेक गौतम, बजरंग दल के नरेंद्र सिंह रावत, नरेश मंगला, सुनीता सिंह, संजय, गोल्डी वाल्मीकि, सितारचन्द, नीरज कश्यप, दीपक शर्मा, रुपिंदर कौर, कमलेश राणा, माया, रीता पांडे, उषा त्रिपाठी सहित सैंकड़ों साथी मौजूद रहे।
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