तावडू 18 जून (दिनेश कुमार): शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन अंधकारमय है। आज के आधुनिक युग मेंं शिक्षा बहुत जरूरी है। इसलिए हर एक व्यक्ति को चाहिए की वह अपने बच्चों को चाहे वह लडकी हो या लडका ज्यादा
े ज्यादा शिक्षा ग्रहण कराए। यह विचार पंजाबी समाज के प्रधान प्रमोद आहुजा ने रखे। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र का हर बच्चा शिक्षित होगा वह क्षेेत्र अपने आप विकसित होता है। शिक्षा से ही अच्छे बुुरे का ज्ञान होता है। बच्चों को चाहिए वह अपनी संस्कृति को याद रखें। उन्होंने यह भी कहा कि सबसे पहला गुरू मां होती है, जो बच्चों को अच्छे संस्कार देती है। फिर दूसरे नम्बर पर बच्चा विद्यालय में जाकर अध्यापक से शिक्षा ग्रहण करता है। साथ ही उन्होंंने बच्चों को शिक्षा के साथ साथ खेलों में भी हिस्सा लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज खेल खेल नहीं भविष्य है। खेल के माध्यम से बच्चा अपने माता पिता व देश का नाम पूरे विश्व में रोशन कर सकता है। उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों को अच्छे संस्कार दे और अपनी संस्कृति के बारे में अवगत कराते रहें। इस बैठक में दीपक चांदना, सुभाष चन्द्र, सुंदर लाल, तुलसीदास, प्रकाश, धर्मेन्द्र आदि मौजूद थे।
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