हथीन/माथुर : सिविल सर्जन डॉ. ब्रम्ह्दीप ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के इलाज की गाइडलाइन में बदलाव किया है। इसके मुताबिक जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते या ह
्के लक्षण हैं, उन्हें किसी तरह की दवाइयां लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि दूसरी बीमारियों की जो दवाएं चल रही है, उन्हें जारी रखना चाहिए। ऐसे मरीजों को टेली कंसल्टेशन (वीडियो के जरिए उपचार) लेना चाहिए और मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे जरूरी नियमों का पालन करना चाहिए। सिविल सर्जन डॉक्टर ब्रह्मदीप ने कहा कि अपने दिनचर्या में पौष्टिक आहार को शामिल करें व अपने दिन की शुरुआत योगा व प्राणायाम से करें। सिविल सर्जन ने बताया कि डायरेक्टर जरनल ऑफ़ हेल्थ सर्विसेज (डीजीएचएस ) ने नई गाइडलाइन के तहत ऐसिम्प्टोमेटिक मरीजों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही सभी दवाओं को लिस्ट से हटा दिया है। इनमें बुखार और सर्दी-खांसी की दवाए भी शामिल है । गाइडलाइन में कहा गया है कि ऐसे संक्रमितों को दूसरे टेस्ट करवाने की जरूरत भी नहीं है। इससे पहले 27 मई को गाइड लाइन जारी की गई थी, जिसमें हल्के लक्षणों वाले मरीजों पर हाइडॉक्सीक्लोरोक्वीन, डॉक्सीसाइक्लीन, जिंक और मल्टीविटामिन के इस्तेमाल की मनायी की गई थी। इसके अलावा एसिम्प्टोमेटिक मरीजों को सिटी स्कैन जैसे गैर जरूरी टेस्ट लिखने से भी मना किया गया था। देश में एक महामारी के संक्रमण की रफ्तार भले ही धीमी हो गई हो लेकिन दूसरी महामारी यानी ब्लैक फंगस का खतरा अभी भी बना हुआ है। आईसीएमआर की कोरोना पर ये है गाइडलाइन डा. ब्रहमदीप ने बताया कि कोविड से ठीक होने के बाद अपना ब्लड अपना शुगर लेवल चेक करते रहें और इसे नियंत्रित रखें। डॉक्टरकी सलाह के बाद ही स्टेरॉयड का उपयोग करें। एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाइयों के उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह लें। ऑक्सीजन ले रहे हैं तो मिडिफायर में साफ पानी का ही इस्तेमाल करें। हाइपरग्लाइसीमिया नियंत्रण में रखें। इम्यूनिटी बूस्टर दवाइयों को बंद कर दें। एंटीफंगल प्रोफिलैक्सिस की जरूरत न हो तो इसे न लें। इसके इलाज के लिए अपने शरीर को हाइड्रेट रखे यानी पानी की कमी ना होने दें।सिविल सर्जन डॉक्टर ब्रह्मदीप ने कहा कि अपने दिनचर्या में पौष्टिक आहार को शामिल करें व अपने दिन की शुरुआत योगा व प्राणायाम से करें।
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