खोजी/सुभाष कोहली। कालका। हमारे देश में बुजुर्गों का सम्मान करने की पुरानी संस्कृति है, लेकिन पिछले कुछ दशकों से इस संस्कृति में बदलाव देखने को मिल रहा है। पहले देश में माता-पिता अपने बच्चों म
ें स्नेह और बच्चे बुजुर्गों का सम्मान करते थे। मगर आज देशभर में हजारों की संख्या में वृद्धाश्रम खुल गए हैं। आजकल बच्चों के पास अपने घर के बड़े-बुजुर्गों की देखभाल करने लिए समय ही नहीं है। जिसके चलते बुजुर्ग अकेले ही जिंदगी गुजारने पर मजबूर हैं। ऐसा ही एक दुखद मामला कालका स्थित कुराड़ी मोहल्ला में देखने को मिला है। कालोनीवासी फूल सिंह राणा, 82 वर्षीय बुजुर्ग, जिनकी पत्नी का देहान्त हो चुका है, उसका एक बेटा व एक बेटी है, जिनकी शादी कर दी है। बेटी अपने घर परिवार में खुश है तथा बेटा इंद्रजीत, फरीदाबाद में अपनी पत्नी ममता व बेटे ईशांत के साथ रहता है। फूल सिंह राणा ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए बताया कि बेटा-बहू ना तो कालका में उनके पास आते हैं और न ही उन्हें अपने पास लेकर जाते हैं। फूल सिंह राणा अपने सभी रिश्तेदारों से भी कहलवा चुके हैं। फूल सिंह राणा कई बिमारियों से पीड़ित है तथा जीवन के इस पड़ाव पर अपने पोते से बात करने को तरस रहा है। वह बार-बार अपने बेटे-बहू को फोन करके पोते से बात करवाने को कहते हैं, किन्तु बेटा हर बार टाल-मटोल कर देता है। जब बेटा-बहू उनके समझाने पर नहीं समझे तो उन्होंने डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस, फरीदाबाद से गुहार लगाई। पुलिस के समझाने के बाद बेटे ने दो-चार बार फोन किया व कहा कि हम आएंगे कालका। किन्तु ना तो वे कालका आए और न ही फोन करके हालचाल पूछते हैं तथा ना ही पोते को बात करने देते हैं। जब कि फूल सिंह राणा ने बेटे को फरीदाबाद में मकान खरीदने को भी पैसे दिए थे, उसके बाद भी कई बार पैसे देते रहे हैं, इसके बावजूद भी बेटा-बहू (इंद्रजीत व ममता) उनकी देखभाल नहीं करते तथा ना ही पोते (ईशांत) से बात करवाते हैं। एक पिता ने जिस बेटे को इतने लाड-प्यार से पाला-पोसा, पढ़ाया-लिखाया, शादी के बाद वो इतना पत्थरदिल हो जाएगा कि अपने बुजुर्ग, बीमार पिता को अकेले तड़पने के लिए छोड़ देगा। आजकल फूल सिंह राणा अपने जीवन के अन्तिम पड़ाव में अकेले ही जीवन व्यतीत करने के लिए मजबूर है, जिसकी सुनने वाला कोई भी नहीं है। फूल सिंह राणा चाहते हैं कि उसका बेटा, बहू व पोता उसे फोन करके उसका हालचाल पूछें, कालका में मिलने आएं या फिर उसे अपने पास लेकर जाएं। इस सम्बंध में संवाददाता ने फूल सिंह राणा के बेटे (इंद्रजीत) से बात करने के लिए दिनांक 17 जून 2021 को 2 बार मोबाइल नंम्बर पर संपर्क करना चाहा, जो नंम्बर फूल सिंह ने दिए थे। परंतु दोनों नम्बरों पर संपर्क करने की कोशिश की गई, दोनों नम्बरों पर रिंग जाती रही, पर इंद्रजीत ने फोन पिक नहीं किया।
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