लंदन,। ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है। जिसके तहत ब्रिटेन यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रहा है, जिसमें उन लोगों को अनुमति देना शामिल है, जिन्हे
ं कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। ऐसा कर लोग विदेशों में छुट्टी का आनंद ले सकते हैं। एक ऐसा कदम जो दर्शाता है कि वैक्सीन पासपोर्ट ब्रिटेन के एजेंडे में मजबूती से वापस आ गया है। यूरोपीय संघ के देशों ने बीते हफ्ते गर्मियों में यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने पर सहमति व्यक्त की, जो वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले पर्यटकों को कोरोना टेस्ट या क्वारंटीन से बचने और यूरोपीय संघ के क्षेत्रों की सूची को व्यापक बनाने की अनुमति देगा, जहां से यात्रा करना सुरक्षित है। कोरोना ने हमारी जिंदगी को काफी हद तक बदल दिया है, अब सबकुछ पहले जैसा नहीं रहा। शारीरिक दूरी, मास्क पहनना, हाथों को सैनिटाइज या धोना। ये सभी हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। वहीं जिंदगी को वापस सामान्य करने के लिए दुनियाभर के कई देशों में संक्रमण के खिलाफ कई कदम उठाए जा रहे हैं। इन्ही में से एक है वैक्सीन पासपोर्ट। वैक्सीन पासपोर्ट का मतलब ये हुआ कि भविष्य में जब आप विदेश यात्रा करेंगे तो आपके पास बोर्डिग पास, सूटकेस, पासपोर्ट के साथ ही वैक्सीन पासपोर्ट (डिजिटल वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट) होना जरूरी होगा। इसका मूलभूत उद्देश्य यह है कि जब लोग घूमने या काम के मकसद से दूसरे देशों में जाए तो उन्हें वहां लंबा वक्त क्वारंटाइन में ना बिताना पड़े। इनमें उन लोगों को शामिल किया जाएगा जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हो। वैक्सीन पासपोर्ट को लेकर क्या हैं भारत के विचार ? अपनी बड़ी आबादी का टीकाकरण कर चुके विकसित देशों की वैक्सीन पासपोर्ट की पहल का भारत ने कड़ा विरोध किया है। विकसित देशों के संगठन जी-7 के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में हर्षवर्धन ने वैक्सीन पासपोर्ट का विरोध करते हुए फिलहाल इसे विकासशील देशों के खिलाफ बताया है।
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