बोले :- सोशल मीडिया के बाद अखबारों का सर्कुलेशन हुआ कम, प्रिंट मीडिया पर संकट के बादल भारतीय पत्रकार कल्याण मंच के सीनियर जिला उप-प्रधान ने पत्रकारों को दिए पहचान-पत्र कुरुक्षेत्र, 16 जून(सुदेश
गोयल): भारतीय पत्रकार कल्याण मंच के सीनियर जिला उप-प्रधान रोहित लामसर ने कहा कि देशभर में दो बार लगे लाॅकडाऊन के बाद पत्रकारों का भविष्य खुद खतरे में है। केंद्र ओर प्रदेश सरकार को संकट में आए पत्रकारों की तरफ ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां लॉकडाउन के कारण अखबारों का सर्कुलेशन कम हुआ है, सप्लीमेंट बंद हो रहे हैं और विज्ञापन का पैसा भी कम हुआ है, इन सभी कारणों से प्रिंट मीडिया पर संकट के बादल छाए हुए है। भारतीय पत्रकार कल्याण मंच के सीनियर जिला उप-प्रधान रोहित लामसर पत्रकारों को पहचान-पत्र वितरित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के प्रचलन के बाद प्रिंट मीडिया के पत्रकारों से लेकर फोटोग्राफर तक की नौकरियों पर संकट आ गया है, जिससे पत्रकारों को अजीविका चलाना मुश्किल हो गया है। रोहित लामसर ने कहा कि दूसरों की नौकरी और रोजी-रोटी पर मंडरा रहे संकट की आवाज उठाने वाले पत्रकारों का भविष्य अब खुद खतरे में है। ऐसे में पत्रकारों पर दोहरी मार पड़ी है। लॉकडाउन में कई पत्रकारों और छायाकारों की नौकरियां तक चली गई हैं, ऐसे में पत्रकारों की नौकरी जाने से उनका गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है। भारतीय पत्रकार कल्याण मंच के सीनियर जिला उप-प्रधान रोहित लामसर ने कहा कि पत्रकारों की अजीविका पर गहरा रहे संकट को देखते हुए भारतीय पत्रकार कल्याण मंच इसकी आवाज उठाऐगा और इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा जाऐगा। उन्होंने बताया कि भारतीय पत्रकार कल्याण मंच एक मजबूत मंच है, जिसमें सैंकड़ों पत्रकार जुड़े हैं, जब भी किसी पत्रकार पर कोई संकट आता है तो उसकी न केवल आवाज उठाई जाती है, बल्कि समस्या के समाधान तक प्राथमिकता भी बरती जाती है। उन्होंने बताया कि भारतीय पत्रकार कल्याण मंच के पत्रकार रामसिंह चौधरी, विरेंद्र जांगड़ा, राजकुमार खुराना, संदीप रोहिल्ला, संजीव चौहान, कर्ण बुट्टी, पंकज ठाकुर व जोगिंद्र चौहान समेत कई पत्रकार शामिल हुए, जिन्हें भारतीय पत्रकार कल्याण मंच की ओर से पहचान पत्र वितरित किए गए।
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