बुजुर्गों के प्रति बदलें रवैया, उनकी देखभाल करना हमारा सभ्यतागत कर्तव्य : डीसी यशेन्द्र धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। विश्व बुजुर्ग दुव्र्यवहार जागरूकता दिवस हर साल 15 जून को वरिष्ठ नागरिकों के
साथ दुव्र्यवहार के बारे में शिक्षित करने के लिए मनाया जाता है। विश्व बुजुर्ग दुव्र्यवहार जागरूकता दिवस बुजुर्गों के साथ दुव्र्यवहार के मुद्दे को उजागर करने के लिए समर्पित है। डीसी यशेन्द्र सिंह ने बताया कि विश्व बुजुर्ग दुव्र्यवहार जागरूकता दिवस के लिए इस वर्ष की थीम न्याय तक पहुंच है। आज का दिन वर्ष 2006 में अस्तित्व में आया, जब बुजुर्गों के लिए विशेष दिन घोषित करने का आग्रह संयुक्त राष्ट्र से किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व बुजुर्ग दुव्र्यवहार जागरूकता दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता साल 2011 में दी गई थी। इस वर्ष का विश्व बुजुर्ग दुव्र्यवहार जागरूकता दिवस कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। विशेषज्ञों ने बुजुर्गों (60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों) को कोरोना वायरस से बचाव के लिए अधिक सावधान रहने की सलाह दी है क्योंकि वे इसके प्रति ज्यादा संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के साथ दुव्र्यवहार शारीरिक, यौन, सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और वित्तीय हो सकता है। कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और उसके बाद लगे लॉकडाउन से बुजुर्गों के लिए चुनौतियां बढी हैं। कोरोना के कारण वृद्ध लोगों को मृत्यु दर और गंभीर बीमारी का अधिक खतरा होता है। कोरोना काल में वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को और अधिक खतरा है। कोरोना महामारी की स्थिति ने उनके जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। इसलिए उनकी सुरक्षा करना अब पहले से कहीं अधिक ज्यादा जरूरी हो गया है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका दुरुपयोग और शोषण न हो। उनकी देखभाल करना हमारा सभ्यतागत कर्तव्य है।
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