पलवल (मुकेश कुमार हसनपुर) :- केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ़ आज जिला पलवल के सैंकडों किसानों ने बल्ली ठोंडा अलवालपुर की अध्यक्षता में दिल्ली के लिए कूच किया।दिल्ली कूच से पहले सैंक
ों किसान जाट धरमशाला में इकठ्ठे हुए।किसानों का नेत्रत्व किसान नेता रतन सिंह सौरौत,धरमचंद,रूपराम तेवतिया,महेंद्र चौहान,ऋषिपाल चौहान,सतीश भुर्जा कर रहे हैं।किसानों को आल्हापुर गांव में पुलिस द्वारा हाईवे पर डम्फर लगाकर रोकने का प्रयास किया गया,जिसे किसानों के भारी विरोध पर खोलना पड़ा।समाचार लिखे जाने तक किसान लगातार आगे बढ़ रहा हैं।आंदोलनरत किसानों में सरकार के रवैये के कारण भारी गुस्सा बढ़ रहा है। दिल्ली कूच से पहले जाट धरमशाला में आयोजित बैठक में किसानों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि केन्द्र सरकार जब तक तीनों कानूनों को वापिस नहीं लेती,किसानों पर बनाए गए मुकदमों को रद्द नहीं किया जाता तथा गिरफ्तार किसानों को रिहा नहीं किया जाता तब तक आन्दोलन खत्म नही किया जाएगा।किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि किसानों को आतंकवादी व अपराधी बताया जाना सरकार के लिए सबसे शर्मनाक है।जो वर्ग देश की तमाम जनता का पेट भरता है उसकी बात सुनने की बजाय सरकारी तंत्र पूरी ताकत से उसको बदनाम करने पर लगा हुआ है।उन्होंने आरोप लगाया कोरोना की आड़ में सरकार ने तीन किसान विरोधी काले कानूनों को बड़े पूंजीपतियों के दबाव में लागू किया है।देश के किसी भी किसान संगठन ने इन कानूनों की मांग नहीं की है,तो फिर केन्द्र सरकार ने किसकी मांग पर इसको लागू किया गया है।उन्होंने बताया कि मण्डी व्यवस्था खत्म होने के कारण ही बिहार के लाखों किसान पंजाब व हरियाणा में खेत मजदूरी कर रहे हैं।
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