खोजी/सुभाष कोहली। कालका। आजकल कालका शहर के नाम को परिवर्तन करने को लेकर एक बहस सी छिड़ गई है। कालका शहर जोकि एक विश्व विख्यात धार्मिक आस्था का केंद्र देवी स्थान के रूप में इस शहर की पहचान है। इ
स लिए शहर वासियों को इसके नाम को लेकर किसी भी प्रकार की बहस का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। यह कहना है आरपीआई (अठावले), उत्तर भारत (हरियाणा प्रदेश) के महासचिव दलजीत सिंह मरड़ का। मरड़ का मानना है कि इस महान आस्था के केंद्र के नाम को लेकर बहस नहीं होनी चाहिए। उनका कहना है कि बहस हो तो क्षेत्र के विकास जैसे, इस स्थान को पर्यटन के रूप में किस प्रकार विकसित किया जा सकता है, उसके लिए होनी चाहिए ताकि स्थानीय लोगों को उसका लाभ मिल सके। पुख्ता एवं प्रमाणिक साक्ष्य अथवा प्रमाणिक दस्तावेज के आभाव में ऐसा कोई भी कृत्य नहीं करना चाहिए। हां, यदि कोई बहस या चर्चा का विषय होना चाहिए, तो वह कालका शहर के विकास तथा सुख सुविधाओं को लेकर होनी चाहिए। धार्मिक आस्था के केंद्र शक्ति पीठ को जाने वाले मुख्य सड़क मार्ग जो कि मल्लाह मोड़ से लेकर शक्ति पीठ तक है, उसकी दशा के उपर चर्चा होनी चाहिए। सड़क मार्ग के उपर अच्छी लाईटों की व्यवस्था होनी चाहिए। सड़क मार्ग के दोनों तरफ गंदगी के जो ढेर लगे होते हैं उन पर चर्चा होनी चाहिए। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुलभ शौचालयों की अच्छी व्यवस्था के लिए चर्चा होनी चाहिए। पीने के पानी की अच्छी व्यवस्था को लेकर चर्चा होनी चाहिए। अच्छी स्वास्थय सेवाओं एंव स्थानीय युवाओं के लिए खेलकूद की अच्छी व आसानी से उपलब्ध होने वाली सुविधाओं के लिए चर्चा होनी चाहिए। कालका शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, राजनीतिक पार्टियों, एडवोकेट्स, रेजिडेंट्स सोसाइटियों, धार्मिक आस्था में रखने वाले लोगों एवं अन्य संगठनों के अधिकतर गणमान्य व्यक्ति पवन कुमारी, सुनील दत्त, प्रवीण हुड्डा, पारस गुप्ता, चत्तर सिंह, नरेश धीमान, सुनील गुप्ता, सितार चंद, महेश शर्मा (टिंकू), संजीव कुमार, पं. विवेक गौतम, संत राम पासी, रिशी गौतम, पं. रूप लाल शर्मा, सुरजीत शर्मा, शुभंम शर्मा, हिमांशु खोसला, अतुल ग्रोवर, सुमन शर्मा, अमित गौतम, एकता अग्रवाल, नवीन गुप्ता, बलराम शर्मा, हेमंत कुमार, अमित सोनकर, पं. उमेश दत्त शास्त्री, प्रेम लता, आशु गुलाटी, नरेश मंगला, राज कुमार, हेमंत शर्मा, कर्म चंद बनियाल, सुनील कपूर, चन्द्रकान्त शर्मा, वरिंदर शर्मा (गोल्डी), भुवनेश्वरी शर्मा, मधु शर्मा, पं. एम डी पांडेय आदि शहर का नाम बदलकर कालिका रखने के पक्ष में नहीं हैं। लोगों का कहना है कि कालका शहर एक ऐतिहासिक शहर है, जोकि वर्षों से कालका के नाम से ही जाना जाता है, अब नाम बदलने की क्या आवश्यकता पड़ गई है। शहर के लोगों की मां काली में पूरी आस्था है, पर शहर के नाम से छेड़छाड़ न की जाए। कालका का नाम बदलने के विरोध में जिला प्रखंड संयोजक बजरंग दल की ओर से मुख्यमंत्री को एसडीएम कालका के माध्यम से ज्ञापन भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि भविष्य में यदि महामाई कालका के नाम पर राजनीति करनी बंद नहीं की तो सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया जाएगा।
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