चिराग गोयल, फ़िरोज़पुर झिरका।-आज दिनांक 12 जून 2021 को शनिवार के दिन "दा अमन एजूकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन" व सुरक्षा सेवा न्याय फाउंडेशन के तहत एक गरीब परिवार लगभग एक माह का सूखा राशन देकर मदद की है।
िसमें 40 किलो आटा, 2 किलो सरसों का तेल, 5 किलो चीनी, 1 किलो सर्फ पाउडर, 250 ग्राम लाल मिर्च, 5 किलो प्याज, 250 ग्राम चाय पत्ती इत्यादि सामग्री उपलब्ध करवाई है। यह मदद करना हमारा कोई एहसान नहीं है बल्कि हमारे ऊपर उन गरीबों का हक है।आपको बता दें कि गांव शाहापुर में एक गरीब परिवार 50 साल से आकर रहे रहा है। इस परिवार नें अपनी जिंदगी में बहुत परेशानियॉ झेली है, मगर इस परिवार ने अल्लाह तआला के द्वारा दी गई हर परेशानी को हंसते हंसते झेला है और अल्लाह तआला का शुक्राना भी किया है। इस परिवार में 6 बेटियॉ और 3 बेटों नें जन्म लिया, जिसमें 1 जवान बेटी, 1 जवान बेटा और मां इस फानी दुनिया से पर्दा पहले ही कर गये। अब 9 जून 2021 को 32 वर्षीय बेटा मकसूद भी कैंसर की बिमार से दुनिया से अलविदा कहे गया। मरहूम मकसूद के 2 बेटा और 1 बेटी है, जिनकी उम्र लगभग 5, 6, 7 साल है। कमाने का कोई संसाधन नही है। मरहूम मकसूद अपने परिवार का पालन पोषण गाड़ियों का इंश्योरेंस करने वालों के पास ऐज ए सरवियर काम किया करता था। अपने परिवार की जिंदगी को बेहतर ढंग से गुजर बसर कर रहा था। मगर किया पता था कि इस हंसती खेलती जिंदगी में गंभीर बिमारी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अल्लाह को यह मंजूर था कि मकसूद भाई को मूंह का कैंसर हो गया। गांव शाहापुर के लोगों द्वारा और मनीष जैन जैसे समाजसेवियों नें ईलाज कराने के लिए पैसों की मदद की, मगर भाई मकसूद को नहीं बचा सके। जिसका 9 जून को इन्तिकाल कर गया और साहापुर गांव के कब्रिस्तान में दफन किया गया। मकसूद का ईलाज बीकानेर के कैंसर अस्पताल में लम्बे समय तक कराया गया। मगर कैंसर की बिमारी ज्यादा हावी हो गई और मौंत से नहीं बचा पाये। यह परिवार मदद का मोहताज है। इस तरह के परिवार की मदद करना हम सबकी जिम्मेदारी बनती है। मदद करने वाले साथी मेरे से संपर्क कर सकते हैं और स्वयं आकर उनकी हालात देखकर मदद करें। जरूर यह परिवार आपको दुआएं देगा।
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