खोजी / राकेश वर्मा पिनगवां । पिनगवां खण्ड के गांव मुंढेता निवासी हनीफ पुत्र ईशब ने बताया कि वह करीब दस वर्ष से पापड़ा मोड़ पिनगवां में लकड़ी आरा की मशीन लगाई हुई है। हनीफ ने बताया की 8 जून को सुबह क
ीब 8:30 बजे मैं अपनी आरा मशीन पर था उसी दौरान पापड़ा की तरफ से एक के kia गाड़ी चॉकलेटी कलर जो दिल्ली नंबर थी सायरन बजाती हुई आई और मेरी आरा मशीन के सामने आकर रुकी उसी समय पानी पीने के बहाने गाड़ी में से 3 नौजवान लड़के उतरे जब मै पानी लेने चला तो पीछे से एक लड़के ने मेरी कनपटी पर हथियार लगा दिया और दो लड़कों ने मेरी कोली ही भर भरकर गाड़ी में डाल लिया और मेरे मुंह पर कपड़ा लगा दिया। जब मुझे गाड़ी में डाल रहे थे तो मैंने शोर मचाया शोर सुनकर मेरा लड़का वसीम गाड़ी के पीछे भागा दोनों बदमाशों ने मेरे लड़के को आते देख गाड़ी को तेज गति से भगा लिया। और जब मेरी आंखों से पट्टी हटाई तो मैंने अपने आप को बंद कमरे में पाया। और मेरे पास चार लड़के खड़े थे जब आपस में बातचीत कर रहे थे तो मुझे आभास हुआ कि मेरा अपहरण किया गया है। उसी दौरान उन चारों लोगों ने मेरी जेब में रखे हुए ₹41500 मेरे मेरा मोबाइल भी मुझसे छीन लिया। इतना ही नहीं उन्होंने मेरे साथ मारपीट भी की। उसके कुछ समय बाद उन्होंने मेरे कनपटी पर रिवाल्वर लगाकर कहा की अपने परिवार जनों के पास फोन कर और 2000000 रुपए मंगाओ। जब मैंने कॉल करने के लिए मना कर दिया तो उन्होंने कनपटी से हटाकर अपनी रिवॉल्वर मेरे मुंह के अंदर घुसेड दी ।कुछ देर बाद उन्होंने रिवाल्वर हटाकर आपस में बातचीत करने लगे तभी दो व्यक्ति मेरे पास आए और मुझे खाना खाने के बारे में पूछा गया। तभी दो लड़के खाना लेने के लिए बाहर चले गए उसी दौरान दो व्यक्ति जो मुझ पर लगातार नजर बनाए हुए थे ।मैंने उनसे कहा कि मुझे सोच के लिए जाना है जब मैं सोच के लिए बाथरूम के अंदर गया तो मैंने देखा कि यह आपस में बातचीत करने में व्यस्त हैं। तो मैंने मौका देख कर कुंडी खोल कर बाहर आया तो मैंने मेन गेट की बाहर से कुंडी लगा दिया। जब मैं उन्हें वहां से भागने की कोशिश की तो जीने का भी लॉक लगा हुआ था तभी मैंने ग्रिल से कूदने का इरादा किया और मैं वहां से कूद कर भागने में सफल हो गया। मैंने स्थानीय लोगों से मदद की गुहार लगाई मगर किसी ने मेरी मदद नहीं की। तभी करीब 300 मीटर आगे पहुंच कर एक अनजान व्यक्ति मिला जिसको मैंने अपनी आपबीती बताई उसने बताया कि आप गली नंबर 6 आयशा मस्जिद वजीराबाद में है। उसने मेरी परिवार वालों को फोन किया और मेरे बारे में बताया। मेरे घरवालों से भी बात कर आई। वह मुझे नजदीकी पुलिस चौकी पर भी ले गए जहां मैंने दिल्ली पुलिस को अपनी आपबीती बताई। और मुझे पिनगवां पुलिस अपने साथ पिनगवां थाने में लेकर आई । पुलिस ने विभिन्न धराओं कर तहत मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू करदी है।
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