जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों नूह के सीजेएम प्रतीक जैन ने विभिन्न अधिकारियों से वर्चुअल मोड के माध्यम बैठक की।

Khoji NCR
2021-06-11 09:21:38

ख़ोजी एनसीआर/ सोनू वर्मा नूह। शुक्रवार को सीजेएम प्रतीक जैन ने पंचायती विभाग व समाज कल्याण विभाग और सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन के साथ मीटिंग की वहीं सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन राजेश कुमार छोकर ने कह

ा कि अगर कोई बच्चे से संबंधित कोई भी परेशानी है तो वह सीडब्ल्यूसी से संपर्क कर सकते हैं। या फिर 1098 पर भी कॉल करके बता सकते हैं। और पंचायती विभाग व समाज कल्याण विभाग ने कहा कि गांव गाव जाकर सरपंचों व आंगनवाड़ी वर्करों के द्वारा लोगों को जागरूक करना है और जिन बच्चों के माता-पिता की कोरोना महामारी में मृत्यु हो गई है। उनकी सभी की एक लिस्ट तैयार की जाएगी। ताकि उन सभी बच्चों को सहायता मिल सके। नूह डालसा के सीजेएम प्रतीक जैन ने सभी अधिकारियों से कहा कि जन जागरूकता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह एक मात्र प्रभावी उपाय हैं जो लोगों की सोच को उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ कोविड महामारी से लडऩे के लिए बदल सकता है। हरियाणा विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा तीन परियोजनाएं जिनमें मास्क शिष्टाचार पर एक लघु-एनिमेटेड क्लिप, 'कोरोना होम वॉरियर्स एक जागरूकता अभियान व कोविड-19 में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए एक परियोजना 'होप शुरु की है। ताकि व सभी बच्चे इस परियोजना का लाभ मिल सके। ओर कहा कि ने कहा कि मास्क को सही ढंग से पहनने के बारे में जनता के बीच ज्ञान को विकसित करने के उद्देश्य से कोविड एनिमेशन तैयार किया गया है। एक अन्य परियोजना 'कोरोना होम वॉरियर्स एक जागरूकता अभियान की संकल्पना कोविड-19 के खिलाफ रोकथाम पर अधिकतम जन जागरूकता पैदा करने और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के प्रभावी कार्यान्वयन जैसे कि सही तरीके से मास्क पहनना, सामाजिक दूरी, बार-बार हाथों को धोना, हाथों की सफाई आदि के लिए की गयी थी। इस अभियान के तहत दो प्रभावी माध्यमों बच्चों और सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता पैदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि बच्चों को इसलिए चुना गया है कि क्योंकि वे जागरूकता पैदा करने का एक बड़ा माध्यम हैं। जब बच्चों द्वारा कुछ मुद्दे उठाए जाते हैं तो उन पर मुद्दों का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। इसके विपरीत, सोशल मीडिया लोगों को अपनी कहानियों व बातों को सांझा करने तथा दुनिया भर में नए दर्शकों तक पहुंचने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है। हालसा द्वारा बच्चों को उनके घर से बाहर कदम रखे बिना ऑनलाइन माध्यम से एनिमेटेड फिल्में, पोस्टर, बैनर आदि जागरूकता सामग्री प्रदान की जाएगी। बच्चें इस उद्देश्य के लिए किसी भी इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, स्नैपचैट या किसी अन्य सोशल मीडिया अकाउंट का उपयोग कर सकते हैं। भाग लेने वाले बच्चों को हालसा से प्रमाण-पत्र और मान्यता प्राप्त होंगी। हालसा द्वारा शुरू की गयी अगली परियोजना 'होप संघर्ष से उत्कर्ष तक हम आपके साथ हैं। इस परियोजना को उन बच्चों की मदद करने के लिए तैयार किया गया है जिन्होंने बीमारी से लड़ते हुए कोविड महामारी में अपने माता-पिता या किसी एक अभिभावक को खो दिया है। ऐसे बच्चों पर समाज को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उनकी सुरक्षा और पुनर्वास इस समय प्रमुख मुद्दों में से एक हैं। यह परियोजना उन बच्चों के अधिकारों और लाभों को सुनिश्चित करेगी जो अकेले रह गये हैं या एक जीवित माता या पिता के साथ हैं। गैर सरकारी संगठनों और सार्वजनिक एजेंसियों की भागीदारी भोजन, आश्रय, कपड़े आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके ऐसे बच्चों की पीड़ा को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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