नारनौल एनसीआर हरियाणा अमित यादव नारनौल 9 जून. उपखंड बुहाना, भिर्र, ढाणी, आदि गांवों में यज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञ में संसार में फैली हुई कोरोना बीमारी एवं पर्यावरण को विशुद्ध करने के लिए यज
्ञ का आयोजन किया गया। और परमपिता परमात्मा से सब निरोग रहे की कामना की गई। पहलवान वीरेंद्र कुमार शास्त्री ने कहा-यज्ञ प्रकृति की ओर ले जाने वाला पुल (ब्रिज) है। मनुष्य जितना प्रकृति की ओर जाएगा उतना ही सुखी होगा। चराचर सृष्टि से विमुख होकर ही मानव दुःख का भागी बन रहा है। यज्ञ मानव और पर्यावरण के बीच की कड़ी है। महर्षि जी कहते हैं_"जो वायु और वृष्टि जल की शुद्धि द्वारा सब जगत को सुख देने वाला है उसी का नाम यज्ञ है"। यज्ञ से लौकिक और पारलौकिक दोनों प्रकार का लाभ है। यज्ञ से सामाजिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत आरोग्य दोनों ही प्राप्त होते हैं। परोपकार आदि उत्तम कर्मों से पारमार्थिक सुख की भी प्राप्ति होती है। इस विषय में महर्षि जी यज्ञ के मूल अर्थ को प्रतिपादित करते हैं।"जो मनुष्य जगत का जितना उपकार करेगा उसको उतना ही ईश्वर की व्यवस्था में सुख प्राप्त होगा इसलिए यज्ञ के द्वारा अनर्थ दोष, दुःखों, रोगों को हटाकर जगत में आनंद को बढ़ाना है। इस अवसर पर वीरसेन शास्त्री प्रधान आर्य समाज बुहाना, वेद प्रकाश आर्य भिर्र, सत्यनारायण ठेकेदार, पहलवान संदीप, पहलवान योगेश, अमित कुमार, कालू एवं ग्रामीणों ने यज्ञ में आहुति दी।
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