खोजी एनसीआर / साहून खांन नूंह - योजना के तहत धान के रकबे को कम करने में किसान करें सहयोग -कहा योजना के तहत मिलती है 7000 रूपए प्रति एकड़ सब्सिडी नूंह, 03 जून : जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने किसान
ं से हवन करते हुए कहा कि जिला में जमीनी पानी के जलस्तर को बनाए रखने के लिए किसान धान की कम से कम रोपाई की करें। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार एक किलो धान पैदा करने के लिए लगभग 4 हजार लीटर पानी की आवश्यकता होती है। जिले में हो रहे अत्याधिक जल दोहन पर चिंता जाहिर करते हुए उपायुक्त ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा इस गिरते भूमि जलस्तर को रोकने के लिए व किसानों को दूसरी फसलों के प्रति प्रोत्साहित करने हेतू कृषि विभाग के माध्यम से मेरा पानी मेरी विरासत नामक स्कीम चलाई जा रही है। उपायुक्त ने बताया कि स्कीम अनुसार मक्का, कपास, खरीफ तिलहन, खरीफ दालें, चारा वाली या खाली एवं बागवानी की फसलों को गत वर्ष के धान के खेतों में उगाने पर 7 हजार रुपए प्रति एकड़ का अनुदान देने का प्रावधान किया है, जिसके लिए संबंधित किसान अपने क्षेत्र के खंड कृषि अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क करके स्कीम के अन्दर अपने आप को पंजीकृत करवाकर जल संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए आने वाली पीढियों के लिए पानी का संचय किया जा सकता है। उपायुक्त ने सभी किसानों से आह्वान किया है कि मेरा पानी मेरी विरासत स्कीम के तहत स्वयं को पंजीकृत करवाकर अधिक से अधिक लाभ लेते हुए धान के रकबे को घटाने में महत्वपूर्ण योगदान करे।
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