एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए जिला में होगा तीसरा सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण

Khoji NCR
2021-06-03 13:21:38

नारनौल एनसीआर हरियाणा अमित यादव जिला में 400 नागरिकों के नमूने लिए जाएंगे नारनौल 3 जून। जिला में कितने नागरिकों के शरीर में कोरोनावायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हुई है इसी बात की जांच करने के

िए जल्द ही तीसरा सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण शुरू किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत जिला में 400 नागरिकों के नमूने लिए जाएंगे। यह सर्वेक्षण जून माह के दूसरे या तीसरे सप्ताह में शुरू किया जाएगा। इसमें जिला में शहरी तथा ग्रामीण समूह का अलग-अलग चयन किया जाएगा। इसमें 8 शहरी कलस्टर होंगे जबकि 12 ग्रामीण कलस्टर होंगे। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने हरियाणा के प्रत्येक जिले से 400 प्रतिभागियों के नमूने का उपयोग करके तीसरे दौर का सीरो सर्वेक्षण करने की योजना बनाई है। सर्वे शुरू होने से पहले लैब के उपकरण जैसे रिएजेंट और टेस्टिंग मशीन आदि की जरूरी व्यवस्था की जाएगी। सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण किसी निश्चित क्षेत्र में प्रसार की सीमा और कोविड -19 संक्रमण का सही अनुमान लगाने में मदद करता है। आइजीजी (इम्युनोग्लोबुलिन जी एलिसा) परीक्षण एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता लगाने के लिए रक्त के नमूने लिए जाते हैं, जो एक व्यक्ति में वायरस से संक्रमित होने के बाद विकसित हो सकता है और फिर भी वह एसिंप्टोमेटिक रहता है। राज्य ने 2020 में दो सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण किए। महेंद्रगढ़ जिला में पहले दौर में सेरोपोसिटिविटी दर 2.8 % थी, जो दूसरे दौर में बढ़कर 8.6% हो गई। दोनों सर्वेक्षणों में 800 से अधिक लोगों का परीक्षण किया गया। कुल मिलाकर, दूसरे दौर में जिला स्तर पर भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, सिरसा और हिसार में सेरोपोसिटिविटी 10% से कम पाया गया। बनाई जा रही है कार्य योजना : उपायुक्त नारनौल। उपायुक्त अजय कुमार ने सर्वेक्षण के संबंध में बताया कि राज्य सरकार की ओर से दिशा निर्देश आ चुके हैं। उसके बाद टीम का गठन करके इस कार्य को अंजाम दिया जाएगा। जिला में इस संबंध में पहले से ही कार्य योजना बनाई जा रही है ताकि जल्द से जल्द इस काम को शुरू किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के जद में आने वाली आबादी के अनुपात को समझने के लिए यह सर्वेक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। स्वास्थ्य विभाग सर्वेक्षण के लिए तैयार : सीएमओ नारनौल। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण का उद्देश्य वायरस के खिलाफ विशिष्ट एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता लगाकर आबादी में बीमारी की व्यापकता का आकलन करना होता है। जिला में यह सर्वेक्षण तीसरी बार किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग इस तीसरे सर्वेक्षण के लिए भी टीमों का गठन करके इस कार्य को विभाग के आदेश अनुसार जल्द शुरू कर दिया जाएगा।

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