धनेश विद्यार्थी, रेवाडी़, 2 जून। लोगों की दुवा व परिवार के सहयोग ने बढ़ाया मनोबल जिसके दम पर जीती कोरोना की जंग। कोरोना महामारी की दूसरी वेव में भारी संख्या में लोग इस महामारी कीचपेट में आ जान
के कारण अस्पतालों में बैड व आक्सीजन की परेशानी का सामना कर रहें थे। आम आदमी यह सोचने लगा था कि पता नहीं किस समय उन्हें भी ऑक्सीजन की जरूरत पड जाये जो एक गलत सोच थी तथा इस गलत सोच के कारण अनेकों जरूरतमंद मरीजों का इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। इस महामारी के समय जिस मरीज को उसके परिवार का सहयोग व लोगों की प्यारी सी दुवा भरी प्रेरणा मिलती रही उन मरीजों ने होम आइसोलेट रहकर ही इस जंग को जीतने का कार्य किया है। यह कहना है रेवाड़ी निवासी पवन कुमार का कि उन्हें अचानक बुखार आ गया था जब पांच दिन तक बुखार नहीं उतरा तो उन्होंने अपनी जांच कराई तब पता चला कि वो कोरोना पॉजिटिव हैं। चिकित्सकों ने उन्हें होम आइसोलेट की सलाह दी। इस दौरान परिवार वालों ने उनका मनोबल इस कदर बढाने का कार्य किया उन्हें कोई दिक्कत नहीं है और वे शीघ्र ही स्वस्थ्य हो जायेंगे और दवा की जगह उनकी सेवा कार्य करती रही। इस महामारी के समय में स्वास्थ्य व आयुष विभाग के चिकित्सक की सलाह व दवाईयां भी उनके बताये गये समय व खुराक के अनुसार सेवन किया और होम आइसोलेन समय अवधि में ही कोरोना को मात देकर सफलता प्राप्त की। पवन कुमार का कहना है कि मुझें भूख ना लगने पर भी परिवार वालों ने कुछ ना कुछ अवश्य खाने की पहल की और मैने भी परिवार के प्यार का सम्मान रखते हुए खाने में से ज्यादा से ज्यादा खाने कि कोशिश रखी ,जिस कारण से शरीर में ज्यादा कमजोरी महसूस नहीं हो रही और अब मैं बिलकुल सही होकर अपना कार्य कर रहा हूँ।
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