ख़ोजी एनसीआर/ सोनू वर्मा नूह। जिले में कोविड अनाथ बच्चों को सरकार की योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराने के लिए सोमवार को जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डालसा) के सचिव एवं सीजेएम प्रतीक जैन ने सीडब्ल
्यूसी के चेयरमैन राजेश छोकर के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने जिले में कोविड के दौरान अनाथ हुए बच्चों के बारे में सीडब्ल्यूसी चेयरमैन के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने आर्थिक सहायता करने की योजना बनाई है। इस योजना का लाभ जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाना जरूरी है। इसके लिए जिले में ऐसे बच्चों की सूची बनानी होगी, जो कोविड के दौरान अपने माता-पिता अथवा माता या पिता में से किसी एक को खो चुके हैं। सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन राजेश छोकर ने बताया कि जिले में इस प्रकार के बच्चों की सूची तैयार करने की दिशा में कार्य चल रहा है। उन्होंने जिले की चाईल्ड हेल्प लाईन को इस बारे में निर्देश दिए हैं। इसके अलावा चाईल्ड हेल्प लाईन द्वारा जिले में गांव स्तर पर उक्त योजना का लाभ पहुंचाने के लिए जागरुकता भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बच्चों को सरकार की योजना का लाभ पहुंचाने के लिए आमजन को भी आगे आना होगा। अपने गांव, मोहल्ले या कस्बे में ऐसे बच्चों की पहचान करने तथा उनकी सूचना चाईल्ड हेल्पलाईन को देने में सभी लोग अपना सहयोग करें। उनका यह सहयोग किसी मासूम का जीवन खराब होने से बचा सकता है। कोविड-19 के दौरान अनाथ हुए बच्चों को किसी भी व्यक्ति को सीधे गोद न दें। बच्चा गोद लेने की एक कानूनी प्रक्रिया है। जो स्टेट अडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी के माध्यम से पूरी की जाती है। बिना कानूनी प्रक्रिया बच्चा गोद देना एक कानूनी अपराध है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कोविड-19 के दौरान माता-पिता खो चुके बच्चों की जानकारी चाईल्ड हेल्पलाईन नंबर 1098, जिला बाल संरक्षण ईकाई या बाल कल्याण समिति को दें।
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