फिरोजपुर झिरका, कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में मरीजों का मनोबल बढ़ाने के लिए चिकित्सक अब संगीत व योग का सहारा भी ले रहे हैं। मरीजों का उपचार करने के अलावा चिकित्सक उनका मूड को हल्का करन
े में सहायता कर रहे हैं और उन्हें कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के लिए मानसिक तौर पर भी प्रेरित कर रहे हैं। दयानंद सागर विश्वविद्यालय के संचालन परिषद के सदस्य रोहन प्रेम सागर ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोरोना ने सभी को मानसिक तौर और शरीर को समान रूप से प्रभावित किया है। डॉक्टर, नर्स, कर्मचारी और अस्पताल नेतृत्व मरीजों के लिए परिवार जैसा माहौल बनाने के लिए सब कुछ कर रहे हैं। संगीत योगा टिप्स के द्वारा हम मरीजों को कोरोना के मानसिक प्रभाव को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा हालांकि यह इलाज नहीं है पर ये मानसिक वेदना के स्तर को कम करने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि डॉ चंद्रम्मा दयानंद सागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च और अस्पताल बेंगलुरु के कोविड-19 वार्ड में मरीजों के लिए एक अनुठा प्रयोग किया है। मरीजों को परिवार जैसा माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है। संक्रमित कोविड मरीज के मन में बेचैनी व डर को कम करने के लिए और मरीज को उदासी व अवसाद ग्रस्त अवस्था से निकालने के सभी प्रयास हो रहे हैं। महामारी से निपटने में उनकी इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत बना रहे हैं। हॉस्पिटल में सघन जांच और उपचार के अलावा मरीजों को संगीत के साथ स्वयं डॉक्टर अन्य हॉस्पिटल स्टाफ के साथ नृत्य भी कर रहे हैं। रोहन प्रेम सागर ने कहा कि कोरोना ने सभी को अकल्पनीय पीड़ा दी है, लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं जिन्होंने सबसे आगे लड़ाई लड़ी है। पहली लहर के बाद से अस्पतालों ने गंभीर अवसाद और उदासी देखी है। लेकिन, दूसरी लहर ने दबाव को तेज कर दिया है और रोगियों और डॉक्टरों के मनोबल को समान रूप से तोड़ दिया है।
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