नारनौल 29 मई। जिला में होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 मरीजों को जिला प्रशासन द्वारा सही समय पर दवाइयां तथा फोन के माध्यम से जानकारी दी जा रही है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज भी सफाई, दवाई और कढ़
ाई का लगातार पालन करें ताकि जल्द से जल्द जिला को कोरोना से मुक्त किया जा सके। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर जिला में घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। अब तक जिला के कुल 254690 घरों के 8.70 लाख नागरिकों की स्क्रीनिंग की गई है जिसमें 64 नागरिकों को होम आइसोलेट किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की यह रणनीति कारगर सिद्ध हो रही है और लगातार जिला में कोरोनावायरस के मरीज घट रहे हैं। इस दौरान होम आइसोलेट मरीजों द्वारा बरती जा रही सावधानियों के कारण भी काफी हद तक इस संक्रमण को रोकने में कामयाब हो रहे हैं। उन्होंने ऐसे सभी मरीजों से आह्वान किया है कि वे लगातार इसी तरह नियमों का पालन करते रहें ताकि इस जंग से जल्द से जल्द जीत सकें। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए दो तरह की टीमें कार्य कर रही हैं। फील्ड टीमें गांव के घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है तथा उसके बाद गांव में ही एक स्थान पर हेडक्वार्टर टीम मौजूद रहती है जो इस संबंध में आगे का फैसला लेती है। सर्वे पूरा होने के बाद जिला प्रशासन के पास इस संबंध में बहुत ही बेहतरीन तरीके से आंकड़ा उपलब्ध हो जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि होम आइसोलेट मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा उचित समय पर दवाई तथा सलाह दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जो मरीज कम गंभीर हैं तथा जिनके घरों में सभी आवश्यक सुविधाएं हैं, ऐसे मरीज को होम आइसोलेट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कम इम्यूनिटी पावर वाले मरीज को होम आइसोलेशन में नहीं रखा जाता। विभाग का प्रयास रहता है कि ऐसे मरीज सीधे तौर पर चिकित्सकों की निगरानी में रहें। परिवार से पूरी तरह सामाजिक दूरी बनाए रखें। सही समय पर खाना खाए तथा दिन में कम से कम 5 से 6 बार हल्का-हल्का खाना ले। तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें। बाहर का खाना किसी भी सूरत में नहीं खाना चाहिए। अल्कोहल , तंबाकू तथा धूम्रपान से बचना चाहिए। टीवी के लिए समय निर्धारित करें तथा अपने मित्र तथा परिजनों से ऑडियो या वीडियो कॉल के माध्यम से निश्चित अवधि के दौरान जुड़ें। अपने शौक पूरा करने के लिए कार्य करें तथा अच्छी तरह से आराम करें। हर रोज हल्की कसरत व योग करें। होम आइसोलेशन के दौरान किसी भी सार्वजनिक स्थान पर न जाएं। कोई भी सार्वजनिक परिवहन का उपयोग ना करें। अपने आंख, कान और मुंह पर हाथ ना लगाएं। अपने बर्तन, पानी, तोलिया व बेडशीट आदि को परिवार के किसी भी सदस्य के साथ साझा ना करें। किसी भी बुजुर्ग के पास ना जाएं क्योंकि बुजुर्ग में कम इम्यूनिटी होती है। चिकित्सक की सलाह के बिना होम आइसोलेशन की अवधि को समाप्त ना करें। कभी भी अपने या अपने परिवार के स्वास्थ्य की अधिक चिंता ना करें। आर्थिक मामलों को लेकर भी मानसिक दबाव में ना रहें। विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी के इस दौर में हर मोर्चे पर प्रशासन की कार्यशैली में सक्रिय भागीदारी निभा रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में अपनी जिम्मेवारी निभा रही हैं। ऐसे में सरकार की ओर से उन्हें फ्रंटलाइन में रखते हुए एक्सग्रेसिया के रूप में 20 लाख रुपए तक का आर्थिक सहयोग दिए जाने की मंजूरी दी है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन एवं डीसी अजय कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से कई सार्थक कदम उठाए गए हैं। डीसी अजय कुमार ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका का हर स्तर पर प्रशासन के कार्यों में अहम योगदान रहा है। इसी अग्रणी भूमिका को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को एक्सग्रेसिया के तहत प्रदेश सरकार द्वारा 20 लाख रुपए आर्थिक सहयोगी राशि से कवर किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से रखे गए प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत फ्रंटलाईन वर्कर के तौर पर यदि किसी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अथवा सहायिका की जान चली जाती है, तो उनके परिजनों को 20 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण पर शिकंजा कसने के लिए प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों में जिला के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिकाएं अपना योगदान दे रही हैं। टेस्ट, ट्रेकिंग एंड ट्रीटमेंट अभियान में घर-घर पहुंच रही इन कार्यकर्ताओं द्वारा नौनिहालों, किशोरियों, दूध पिलाने वाली माताओं तथा गर्भवती महिलाओं को भी पोषण आहार वितरण करने का काम भी पूरी गंभीरता से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने विभागीय प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए अग्रिम मोर्चे पर जिम्मेदारी निभा रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा आंगनबाड़ी सहायिकाओं के आपदा के इस दौर में निधन होने की स्थिति में 20 लाख रुपए एक्सग्रेसिया के तहत राशि देने को मंजूरी दी है, जो पहले 10 लाख रुपए थी।
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