कोलंबो, । श्रीलंका के शीर्ष पर्यावरण निकाय ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सिंगापुर के झंडे वाले मालवाहक जहाज से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन के कारण हल्की एसिड रेन हो सकती है। बता दें कि प
छले सप्ताह खराब मौसम के कारण कोलंबो समुद्र तट के पास मालवाहक जहाज में आग लग गई थी। मालवाहक पोत एमवी 'एक्स-प्रेस पर्ल' गुजरात के हजीरा से कोलंबो बंदरगाह तक सौंदर्य प्रसाधनों के लिए रसायनों और कच्चे माल की एक खेप ले जा रहा था। तट से 9.5 समुद्री मील की दूरी पर पोत में आग लग गई थी। एक्स-प्रेस पर्ल के टैंकों में 325 मीट्रिक टन ईंधन के अलावा, 1,486 कंटेनर लदे हुए थे जिसमें लगभग 25 टन खतरनाक नाइट्रिक एसिड भी था। समुद्री पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण (एमईपीए) की अध्यक्ष धरशानी लहंडापुरा ने शुक्रवार को कहा, हमने देखा कि एमवी एक्स-प्रेस पर्ल से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन बड़े पैमाने पर हो रहा था। इस कारण बारिश के मौसम में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस के उत्सर्जन के साथ, हल्की एसिड रेन हो सकती है। अधिकारी ने कहा कि तटीय क्षेत्र के करीब के लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप इन दिनों बारिश के संपर्क में न आएं। एमईपीए ने कहा कि आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है और प्राधिकरण समुद्र तट की सफाई प्रक्रियाओं को जल्द से जल्द करने के लिए सभी उचित उपाय कर रहा है ताकि मालवाहक जहाज में आग के कारण होने वाले प्रदूषण के जोखिम को टाला जा सके। उन्होंने कहा कि आग का घनत्व कम हो रहा है। दो टग बोट अभी भी अग्निशमन मिशन में लगी हुई हैं। भारतीय तटरक्षक बल के जहाज और श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण और श्रीलंका नौसेना की नावें स्थिति की निगरानी कर रही हैं। लहंडापुरा ने कहा कि वे स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और फिलहाल किसी भी तेल रिसाव के कोई संकेत नहीं है। भारत ने मंगलवार को कंटेनर जहाज पर लगी आग को बुझाने में श्रीलंकाई नौसेना की मदद के लिए आईसीजी वैभव, आईसीजी डोर्नियर और टग वाटर लिली को रवाना किया।
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