नई दिल्ली,। World Hypertension Day 2021: कल विश्व हाइपरटेंशन दिवस है। यह हर साल 17 मार्च को मनाया जाता है। इसे पहली बार साल 2005 में 14 मई को मनाया गया था। इसके बाद साल 2006 से यह हर साल 17 मई को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वि
्व हाइपरटेंशन लीग ने की है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को उच्च रक्त चाप के बारे में जागरूक और नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी में दिल की धमनियों में रक्त संचरण बड़ी तेजी से होने लगता है। इस वजह से व्यक्ति को थकान, सीने में दर्द, सिर में तेज दर्द और सांस लेने मे तकलीफ आदि की समस्या होती है। सामान्यतः 130/80 mmHg से ऊपर के रक्तचाप को हाइपरटेंशन कहा जाता है। इसका इलाज संभव है। अगर इलाज में लापरवाही बरतते हैं, तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। खासकर कोरोना काल में उच्च रक्तचाप के मरीजों को संक्रमण का खतरा अधिक है। इसके लिए हाइपरटेंशन के मरीजों को अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखना चाहिए। रिसर्च गेट पर छपी एक लेख में कई शोधों का जिक्र किया गया है। इन शोधों से पता चलता है कि हाइपरटेंशन के मरीजों का कोरोना वायरस से अधिक खतरा है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं- क्या कहती है शोध जानकारों की मानें तो कोरोना वायरस से ह्रदय रोग के मरीजों को अधिक खतरा है। साथ ही ह्रदय रोग के मरीजों की कोरोना वायरस से अधिक मौत अधिक हुई है। हाइपरटेंशन के चलते हृदय और रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इस स्थति में व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है। इन वजहों के चलते हाइपरटेंशन के मरीजों को कोरोना संक्रमण का जोखिम रहता है। इस शोध में अमेरिका और चीन के कोरोना संक्रमितों की जानकरी दी गई है। इसमें बताया गया है कि कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत सांस संबंधी बीमारियों के चलते अधिक हुई है। यह रिपोर्ट शुरुआत के दिनों की है। इसके अलावा, इटली के एक मेडिकल रिपोर्ट में भी यह खुलासा हुआ है कि कोरोना संक्रमित मरीजों में हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या अधिक देखी गई है। इसके लिए हाइपरटेंशन के मरीजों को अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखना चाहिए। कैसे करें बचाव हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए रोजाना सर्वांगासन, सुखासन, पश्चिमोत्तानासन और विपरीत करनी योगासन करें। इससे हाइपरटेंशन में बहुत आराम मिल सकता है। इसके अलावा, खानपान और दिनचर्या में भी सुधार करें। डाइट में विटामिन-सी युक्त फलों और सब्जियों को जरूर शामिल करें। आंवला डॉक्टर्स रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए रोजाना खाली पेट एक आंवला खाने की सलाह देते हैं। अगर आंवले का फल उपलब्ध नहीं है, तो आंवला का जूस भी ले सकते हैं। तुलसी तुलसी के पत्तों में युजिनॉल पाया जाता है। युजिनॉल प्राकृतिक कैल्शियम चैनल अवरोधक के रूप में जाना जाता है, जो दिल और धमनियों में कैल्शियम के प्रवाह को कम करता है। इसके लिए तुलसी के पत्तों का सेवन कर सकते हैं। डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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