ख़ोजी एनसीआर/ सोनू वर्मा नूह। जिला उपायुक्त ने वसिविल सर्जन नूंह से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में पहले ही माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा चुके हैं। लेकिन कुछ क्षेत्र अब अधिक खतरे मे
ं हैं और कोविड-19 के प्रति संवेदनशील हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में रिपोर्ट किए गए मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। अत: आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 30 एवं धारा 34 तथा महामारी रोग अधिनियम, 1897 के प्रावधानों के तहत मुझे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए। जिलाधीश एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन धीरेन्द्र खडग़टा द्वारा निकटवर्ती क्षेत्रों में इसके प्रसार को रोकने के लिए माइक्रो कंटेनमेंट जोन के निम्नलिखित संपूर्ण भौगोलिक क्षेत्र को सभी उद्देश्यों और उद्देश्यों के लिए मैक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किए है, और कोविड-19 के प्रो टोकॉल में निर्धारित है। मैक्रो कंटेनमेंट जोन कंटेनमेंट विवरण:- 1 सुरेन्द्र गौयल वार्ड 12 और इसके साथ लगते वार्ड नंबर 13 फिरोजपुर-झिरका में एएनएम व एमपीएचडब्लयू सुशमा एमपीएच डब्ल्यू आशा वर्कर नीतू, आंगनवाड़ी वर्कर सुनीता, सुपरवाईजर स्वाती व नोडल् अधिकारी डा. रविन्द्र साहू को वार्ड नंबर 12 व 13 के लिए नियुक्त किया गया है। 2. धर्मचंद वार्ड नंबर 09 फिरोजपुर-झिरका एएनएम व एमपीएचडब्ल्यू सुनीता, आशा वर्कर वीना आंगनवाड़ी वर्कर सालू, सुपरवाईजर डा. वंदना सीएचओ तथा नोडल अधिकारी डा. रविन्द्र साहू को कंटेनमेंट जोन वार्ड नंबर 09 में नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में लोगों का इक्ट्टïा होने पर पांबदी रहेगी और व्यक्तियों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। इन क्षेत्रों में आवश्यक आपूर्ति की चुनिंदा दुकानों को छोडक़र बाजार/दुकानें/धार्मिक स्थल आदि बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए कंटेनमेंट जोन/मैक्रो कंटेनमेंट जोन में संदिग्धों की स्क्रीनिंग, सभी संदिग्ध मामलों की जांच, क्वारंटाइन, आइसोलेशन, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के लिए निम्नलिखित कार्य योजना निर्धारित की गई है। 1. कंटेनमेंट जोन में आने वाले पूरे घर के प्रत्येक व्यक्ति की डोर टू डोर स्क्रीनिंग / थर्मल स्कैनिंग करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम की पर्याप्त टीमों को सिविल सर्जन द्वारा तैनात किया जाएगा। टीम को 50 घर जांच के लिए आवंटित किये जायेंगे. आशा वर्कर और एएनएमएस द्वारा किए जाने वाले कार्यों की निगरानी के लिए एक आंगनवाड़ी सुपरवाईजर और संबंधित सीडीपीओ को तैनात किया जाएगा, इन सभी का सिविल सर्जन के सख्त निर्देशों के तहत काम करेंगे। ड्यूटी पर मौजूद सभी कर्मचारियों को स्क्रीनिंग/थर्मल स्कैनिंग आदि के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। गेट/डोर नॉब्स और हर घर को ठीक से साफ किया जाएगा। इस प्रकार एकत्र किए गए डेटा को आगे के संदर्भ के लिए रजिस्टर में रिकॉर्ड किया जा सकता है। टीम कंटेनमेंट जोन के निवासियों के बीच आरोग्य सेतु ऐप का 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करेगी। 2. मैक्रो कंटेनमेंट जोन के समस्त क्षेत्रों को संबंधित बीडीपीओ, ई.ओ/ सैक्टरी नगरपालिका द्वारा पूर्ण रूप से सेनिटाइज किया जायेगा। नगरपालिका यह बीडीपीओ, कार्यकारी अधिकारी/ सचिव द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा कि इलाके के पूर्ण स्वच्छता के लिए तैनात कर्मचारियों को पर्याप्त रूप से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाए। फेस मास्क, दस्ताने, टोपी, सैनिटाइजऱ, शॉक्स और सामाजिक दूरियों के मानदंडों का भी पालन करें। क्षेत्र की कोई सफाई नहीं की जाएगी बल्कि धूल से बचने के लिए ठोस कचरे को ठीक से उठाया/उठाया जाएगा। 3. मैक्रो कंटेनमेंट जोन के निवासियों की जनता की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित होगी और पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती और आवश्यक संख्या में आवश्यक संख्या में तैनात करके पूरे मैक्रो कंटेनमेंट जोन को सील कर दिया जाएगा। नाका आदि पुलिस अधीक्षक, नूंह, पुलिस अधिकारियों द्वारा सिविल सर्जन की मांग के अनुसार प्रदान किया जा सकता है। नाकों पर जनता की आवाजाही नियंत्रित होनी चाहिए और सभी आवक और आगे की गतिविधियों को एक रजिस्टर में दर्ज किया जाना चाहिए। 4. मैक्रो कंटेनमेंट की आवश्यक बैरिकेडिंग कार्यपालक अभियंता द्वारा की जाएगी। पुलिस अधिकारियों के परामर्श से पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर) प्रवेश और निकास बिंदु स्थापित किए जाने चाहिए। 5. संबंधित ड्यूटी मजिस्ट्रेट (पहले से ही वार्ड वार / पुलिस स्टेशन वार तैनात) नियंत्रण क्षेत्र के ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य करेंगे। चौबीसों घंटे कानून व्यवस्था बनाए रखने और मैक्रो कंटेनमेंट जोन में वीडियोग्राफी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वे भौगोलिक क्षेत्र को देखने के लिए दौरा करेंगे और कोविड -19 के प्रोटोकॉल के अनुसार पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर) विभाग के माध्यम से बैरिकेडिंग सुनिश्चित करेंगे। 6. सिविल अस्पताल में एक नियंत्रण कक्ष (कोरोना युद्ध कक्ष) स्थापित किया गया है। जिसमें नोडल अधिकारी डा. विजयपाल, (9729624415) इस नियंत्रण कक्ष के प्रभारी होंगे और उनकी सहायता डॉ. बिमलेश तिवारी करेंगे। 7. व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक स्टोर प्रभारी डॉ. साजिद (9813302578) के पर्यवेक्षण के तहत स्टोर पर रखा जाएगा। 8. सिविल सर्जन इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों और मानक प्रोटोकॉल के अनुसार एक विस्तृत मैक्रो कंटेनमेंट प्लान तैयार करेंगे। 9. सिविल सर्जन, नूंह द्वारा एम्बुलेंस और अन्य पैरा-मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाएगी। 10.सीएमओ मोबाइल चेक-अप वैन के माध्यम से उपरोक्त क्षेत्र के बीमार व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करें और लाल स्याही से चिह्नित बीमार पाए गए व्यक्तियों की सूची तैयार करें ताकि आगे आवश्यक कार्रवाई की जा सके और निगरानी के माध्यम से मामलों की व्यापक निगरानी की जा सके. स्वास्थ्य सुविधाओं में ढ्ढरुढ्ढ/स््रक्रढ्ढ मामलों को लिया जाना है। 11. महाप्रबंधक, हरियाणा रोडवेज, आशा वर्कर व एएमन को लाने व लेजाने के लिए विशेष रूप से दो बसें तैनात की जाएगी। 12. संबंधित एसडीएमएस और नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि आवश्यक वस्तु /किराने का सामान/दूध/वस्तुओं को प्राप्त किया और घरों में वितरित किया। डीएफएससी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सूचीबद्ध श्रेणियों को निर्धारित राशन की होम डिलीवरी सुनिश्चित करेंग 13. मैक्रो कंटेनमेंट जोन में नियमित बिजली आपूर्ति एसई, डीएचबीवीएन, नूंह द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। 14. एस.ई. द्वारा नियमित रूप से सुरक्षित पेयजल आपूर्ति प्रदान करेगे। 15. इसके अलावा, लघु सचिवालय नूंह में 24&7 कोविड हेल्प लाइन 1950 भी स्थापित किया गया है। 16. समस्त स्टाफ एवं टीम के सदस्यों को मैक्रो कंटेनमेंट जोन के संबंध में अनुमंडल दंडाधिकारी फिरोजपुर झिरका के आदेशों का पालन करने का निर्देश दिया गया है, जो गतिविधियों के समग्र मजिस्ट्रेट होंगे। सभी संबंधित एसडीएमएस मैक्रो कंटेनमेंट जोन में बैरिकेडिंग और अन्य आवश्यक गतिविधियों को सुनिश्चित करेंगे और ऐसे कंटेनमेंट जोन की घोषणा के 1 दिन के भीतर इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। ड्यूटी पर मौजूद सभी अधिकारी/कर्मचारी अपने कर्तव्यों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करेंगे तथा किसी भी अधिकारी की ओर से ढिलाई पर धारा-56 आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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