चिराग गोयल, फ़िरोज़पुर झिरका।-सोमवार की सुबह आर्य समाज गढ़ अंदर की कार्यकारिणी द्वारा कोरोना वायरस से समाज को बचाने के भाव से अपने गली-गली यज्ञ की दूरसे दिन भी फेरी गढ़ अंदर की गलियों में लगाई गई।
िसमें वैदिक मंत्रों द्वारा औषधियुक्त सामग्री से आहुतियाँ दी गई पहले की तरह दूसरे दिन की भांति कार्यकारिणी को शहर वासियों द्वारा बिना कहे घी सामग्री का सहयोग कर प्रोत्साहित किया गया।शहर वासियों ने अपने अपने घरों से भी औषधियुक्त सामग्री व गाय के घी द्वारा यज्ञकुण्ड में आहुतियाँ दी गई।इस मौके पर कार्यकारिणी के उपप्रधान श्री लखपत आर्य जी ने बताया कि सनातन धर्मियों का सबसे प्रमुख और श्रेष्ठ कार्य हैं प्रतिदिन यज्ञ करना।इस यज्ञ की संस्कृति को सनातनियों द्वारा भुलाया नहीं गया हैं आज भी हिन्दू समाज के लोगों ने अपने हर त्योहार, शादी-विवाह, अपने व अपने महापुरूषों के जन्मोत्सवो, ग्रह-प्रवेश, दुकानों के मुहूर्तों पर यज्ञ करके अपनी इस संस्कृति को बचा कर रखा है जिससे दोबारा से सभी के प्रयास से हमारी सांझी सभ्यता खड़ी हो रही हैं।कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे कि आज का समय कोरोना महामारी में और जब कभी वर्षा न होती हैं अकाल पड़ने की सम्भावनाये अधिक रहती हैं तब भी यज्ञ द्वारा ईश्वर से प्रार्थना की जाती हैं कि हैं परमपिता परमेश्वर हमे इस परिस्थिति से लड़ने की शक्ति देंवे और शीघ्र ही इन आपदाओं से मुक्त करें।आपके सामाचार पत्र के माध्यम से मेरी सभी लोगो से एक विनती हैं कि प्रतिदिन न सही तो साप्ताहिक यज्ञ सभी लोग अपने परिवार सहित जरूर करा करें और आज के कोरोना काल मे यज्ञ की सामग्री में काली सरसों का उपयोग जरूर करें क्योंकि ये इस प्रकार के वायरसों के लिए आयुर्वेदिक प्रमाणित औषधि है।इस मौके पर कार्यकारिणी के संरक्षक कमेटी प्रमुख देवीराम जी, संरक्षक मास्टर सुभाषचंद सिंघल, प्रधान मास्टर, सुरेश चंद झालानी, उप प्रधान लखपत आर्य, मंत्री महेंद्र आर्य, कोषाध्यक्ष यशपाल, उप कोषाध्यक्ष भू देव आर्य, भंडार व्यवस्थापक उमेश आर्य, कैलाश प्रजापति, प्रचार प्रसार मंत्री रमेश आर्य व सह प्रचार प्रसार मंत्री दीपेश आर्य अपनी बेटी आर्या लाभांशी सहित मौजूद रहे।
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