कोविड समस्याओं के निराकरण में आयुर्वेद एवं योग सहायक-डा. मौहम्मद इरफान

Khoji NCR
2021-05-16 09:42:56

हथीन/माथुर : कोविड-19 के संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति आयुर्वेद एवं योग का पालन करके फिर से अपने शरीर को स्वस्थ बना सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉक्टर मोहम्मद इरफान ने बताया है कि आयुष मं

्रालय ने पोस्ट कोविड मरीजों के लिए गाइडलाइंस जारी की है, जोकि कोरोना के संक्रमण के पश्चात होने वाली समस्याओं जैसे भूख न लगना, खाना न पचना, कब्ज की शिकायत होना, फेफड़ों का कमजोर होना, लगातार गले में खराश, खांसी होना, सांस फूलना, निद्रा न आना, मनोवैचित्य, शरीर में थकान, कमजोरी महसूस होना, मंद ज्वर होना आदि होने की संभावना होती है। इसके लिए सभी लोग नियमित रूप से आयुर्वेदिक दिनचर्या, योग, आहार विहार (रहन-सहन) एवं औषधियों का सेवन आयुष चिकित्सक की देखरेख में करें, तो इन समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है। डा. मौहम्मद इरफान ने बताया कि प्रात: 4 से 5 बजे के बीच जागकर नित्य कर्म करें, फिर खाली पेट 3 से 4 गिलास गुनगुना पानी पिएं। पानी शरीर की कोशिकाओं की च्यापचय क्रियाओं में योगदान देता है, जिससे दिन में थकावट आदि नहीं होती है। इसके बाद 40 मिनट तक प्रतिदिन योग करें, जिससे शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है। इसके अलावा मन भी मजबूत होता है, जो अवसाद, मनोवैचित् आदि को दूर करने में सहायक है। इसी प्रकार प्राणायाम, भस्त्रिका, कपालभांति, भ्रामरी जैसे योग फेफड़ों को ताकत देते है, जो रोगियों के संक्रमण के बाद कमजोर फेफड़ों को पुन: मजबूत करेगा। आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डा. मौहम्मद इरफान ने बताया कि योग के बाद नाक के दोनो नथुनों में अणु तैल की दो-दो बूंदें लेटकर डालें। इस प्रकार का प्रतिमर्श नित्य प्रतिदिन करने से नाक में जुखाम, सिरदर्द आदि में आराम मिलता है। साथ में मन भी प्रसन्न रहता है, जिससे दिमाग से संबंधी कार्य को करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। मुख में नारियल तैल अथवा तिल तैल का कवल (तेल को मुख के अंदर चलाना) धारण करें। इससे मुख का स्वाद ठीक हो जाता है। इसके एक घंटे बाद गुनगुने पानी से प्रतिदिन स्नान करे। उन्होंने बताया कि हल्का नाश्ता लें, नाश्ते में इलाइची पका दूध, गोल्डन मिल्क लें। फलों में अनार का सेवन करें। प्रारंभ में हल्का फुल्का कार्य करें, अति मेहनत वाले कार्यों से बचें। कार्य की अवधि को साप्ताहिक रूप से बढ़ाएं। दिन में दोपहर के भोजन में मूंग की दाल, सलाद, रोटी का सेवन करें। खाना मातृपूर्वक खाएं, खाने के बीच में पानी अवश्य पिएं। इसके पश्चात दिन में यदि चाय पीने का मन हो तो आयुष काढ़ा (तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी, सोंठ) का सेवन इसमें मुनक्का मिलाकर दिन में दो बार करें। डा. इरफान ने बताया कि सायंकाल के समय भोजन सूर्यास्त से पहले करने की आदत डालें, जिससे रात्रि में शयन से पहले खाना भली-भांति पच जाता है। शाम के बाद मोबाइल फोन, टीवी का प्रयोग न करें। परिवार के साथ अधिक समय बिताएं। आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉक्टर सूरजभान ने बताया की कमजोरी महसूस कर रहे व्यक्ति प्रतिदिन एक-एक चम्मच च्यवनप्राश का सेवन करें और ऊपर से गुनगुना दूध पिएं। यदि भूख, कब्ज की शिकायत होने पर प्रतिदिन रात्रि में सोते समय त्रिफला चूर्ण का सेवन गुनगुने पानी से अथवा शहद में मिलाकर सेवन करें। किसी भी आयुष औषधि को अथवा किसी भी बीमारी के लिए अपने नजदीकी स्थित आयुष औषधि से अथवा आयुष चिकित्सक की देखरेख में इलाज कराएं। सिविल सर्जन डा. ब्रह्मदीप ने कॉरोना के संक्रमण से ठीक हुए व्यक्तियों से अपील की है कि वे अपना प्लाज्मा सिविल हॉस्पिटल पलवल में दान करें, जिससे अन्य रोगियों के इलाज में सहायता मिले। उन्होंने जिले की जनता से अपील की है कि वे अपना टीकाकरण अवश्य करवाएं। उचित दूरी बनाए, मास्क लगाए, हाथों को बार-बार धोएं। घर में एवं घर के आस-पास सफाई का विशेष ध्यान रखें। स्वयं जागरूक बने और दूसरों को भी जागरूक करें।

Comments


Upcoming News