कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिïगत घर पर रहकर कार्य करने की मंजूरी हथीन/माथुर : उपायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए विकलांग व्यक्तियों (दिव्यांगजन), कमजोर व्यक्ति
ों और गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए निवारक उपाय करने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नेत्रहीन और अन्य विकलांग कर्मचारी कोरोना वायरस रोग के प्रति अधिक संवेदनशील हैं। स्पर्श पर उनकी व्यापक निर्भरता और उनकी कार्यालय में उपस्थिति न तो उनके हित में है और न ही अन्य कर्मचारियों के हित में, भले ही वे आवश्यक सेवाओं में काम कर रहे हों। इसलिए डयूटी के रोस्टर अनुसार आगामी आदेशों तक विभिन्न प्रकार के विकलांगों को डयूटी पर बुलाने की मनाही की गई। उन्होंने बताया कि कमजोर व्यक्ति अर्थात 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के कर्मचारी, उच्च रक्तचाप, रक्तचाप, हृदय या फेफड़ों की बीमारी, कैंसर और अन्य पुरानी बीमारियों में गंभीर बीमारी विकसित होने का उच्च जोखिम है, उन्हें जनता के साथ सीधे संपर्क की आवश्यकता वाले फ्रंट-लाइन कार्य के संपर्क में नहीं लाया जाएगा। सभी गर्भवती महिला कर्मचारियों, चाहे नियमित, संविदा, आउटसोर्स, दैनिक वेतन या तदर्थ को भी घर से काम करने की सलाह दी गई। उपायुक्त ने कहा कि इन निर्देशों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित की गई। इसके अलावा कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सख्त उपाय करना अनिवार्य है। उपायुक्त ने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण मौजूदा स्थिति और कोविड-19 संक्रमण की चैन को तोडऩे व कुछ श्रेणियों के व्यक्तियों की सुरक्षा के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि गंभीर रूप से विकलांग व्यक्ति (दिव्यांगजन), कमजोर व्यक्ति जैसे कर्मचारी उच्च रक्तचाप से पीडित है, हृदय या फेफड़े की बीमारी, कैंसर और अन्य पुरानी बीमारी और गर्भवती महिला कर्मचारी चाहे नियमित, संविदात्मक, आउटसोर्स, दैनिक मजदूरी या तदर्थ हों, उन्हें ड्यूटी पर नहीं बुलाया जाएगा। भले ही वे आवश्यक सेवाओं में लगे हों, यदि आवश्यक हो, तो वे घर से काम कर सकते हैं। उनके पास आवश्यक बुनियादी ढांचा में छूट रहेगी। उन्होंने बताया कि लागू इन निर्देशों की कड़ाई से अनुपालन की जाए।
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