अक्षय तृतीया पर गौवंश के लिए मीठा दलिया, हरी सब्जी का भंडारा आयोजित होडल, 14 मई, डोरीलाल गोला करमन बॉर्डर देवी चित्रलेखा के सानिध्य में गौसेवा धाम हास्पीटल में चल रही चार दिवसीय भक्त चरित्र कथ
के दूसरे दिवस पर अक्षय तृतीया पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। देवी चित्रलेखा ने बताया कि गौसेवा धाम ने आयोजित यह कथा मुख्यत: कोरोना योद्धा तथा आम जानमानस की मगंलकामना हेतू आयोजित की जा रही है। प्रात: काल में सर्वप्रथम अस्पताल की संचालिका देवी चित्रलेखा ने गौमाता की आरती उतार कर गौमाता को मीठा दलिया, गुड व हरी सब्जी के भंडारे के साथ भगवान के विग्रह को चंदन का शीतल लेप लगाया। गौ सेवा धाम के पावन परिसर की परिक्रमा लगाने के तत्पश्चात समस्त गौवंश हेतू मीठा दलिया, गुड़, हरा चारा, गन्ना तथा बड़ी मात्रा में हरी सब्जियों का भडांरा यहां के सेवकों व कर्मचारिओं द्वारा आयोजित किया गया। वैशाख शुक्ल की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला यह पावन पर्व प्रमुख रूप से दान की महत्ता को समर्पित है। भविष्य पुराण के अनुसार इस तिथि को सतयुग तथा त्रेतायुग का आरंभ हुआ था इसलिए यह अपने आप में स्वंय सिद्ध मूहूर्त है। भृगुकुल में ऋषि जमदग्नि तथा माता रेणुका के यहां भगवान विष्णु के परशुराम अवतार का जन्म अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था इस दिन हनुमान जी की पूजा भी की जाती है। यह अष्टचिरंजीवियों में से एक है। इसी दिन भगवान विष्णु के अवतार नर-नारायण और हयग्रीव का अवतरण हुआ था। ये दिन इतना अधिक शुभ है कि इसी दिन वेद व्यास और भगवान गणेश ने महाभारत का लेखन शुरू किया था। इस दिन पितरों के निमित्त अन्न दान, स्वर्ण दान, भूमि दान और जल के दान का विशेष महत्व बताया जाता है। समस्त कथा में कारोना प्रोटोकोल होने के कारण श्रोताओं की अनुपस्थिति रही। इस कथा में श्रोताओं को घर से जूम ऐप के माध्यम से जोड़ा गया।
Comments