नई दिल्ली,। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत एक और कदम आगे बढ़ने जा रहा है। देश में दो से 18 आयु वर्ग के लोगों पर कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को आज मंजूरी दे दी गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनर
ल ऑफ इंडिया (DCGI) ने देश में 2 से 18 साल के आयु वर्ग के लोगों पर कोवैक्सीन(COVAXIN) के ट्रायल को दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी दे दी है। भारत बायोटक 525 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर इस कोरोना वैक्सीन का ट्रायल करेगा। भारत बायोटेक अपनी कोरोना रोधी वैक्सीन कोवैक्सीन का दो से 18 साल के बच्चों पर जल्द ही दूसरे और तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करेगी। इस दौरान सभी वालंटियरों को 28 दिनों में वैक्सीन की दो डोज लगाई जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि दिल्ली एवं पटना के एम्स और नागपुर स्थिति मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंस समेत देश के विभिन्न केंद्रों पर 525 वालंटियर पर यह ट्रायल किया जाएगा। इसको लेकर जल्द से जल्द तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी और ट्रायल शुरू कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक(Bharat Biotech) ने दो से 18 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन(COVAXIN) की सुरक्षा और प्रतिरक्षा का आकलन करने(ट्रायल) की अनुमति मांगी थी। कोरोना पर गठित केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने भारत बायोटेक के आवेदन पर व्यापक विचार विमर्श करने के बाद उसे ट्रायल की मंजूरी दी थी। हालांकि, एसईसी ने दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की सिफारिश करते हुए यह शर्त भी रखी है कि भारत बायोटेक तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने से पहले दूसरे चरण के सुरक्षा संबंधी अंतरिम डाटा सीडीएससीओ को मुहैया कराएगी। भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के साथ मिलकर कोवैक्सीन को विकसित किया है। कंपनी इसका उत्पादन और विपणन भी कर रही है। भारत में टीकाकरण अभियान में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड के साथ कोवैक्सीन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
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