खोजी एनसीआर / साहून खांन नूंह। रमजान का महीना इबादत के लिए साल के 11 महीनों से अफजल होता है। इस महीने में लोग रोजा रखने के साथ-साथ खुदा की इबादत भी ज्यादा करते हैं, क्योंकि इस महीने में एक नेकी के
दले में 70 नेकियों का सवाब मिलता है। खास बात ये है कि इस पवित्र और बरकत के महीने में गरीब लोगों की इमदाद भी होती है। ये बातें मौलाना मतलूब निवासी मालब ने कही। उन्होंने कहा कि इस महीने में लोग दिल खोलकर खर्च करते हैं। सुबह से शाम तक भूख प्यास बर्दाश्त करके रोजा रखते हैं। इस महीने में जहां लोग भलाई के काम करते हैं वहीं बुरे कामों से भी रुकते हैं। ये महीना प्यार, मोहब्बत और भाईचारे का भी संदेश देता है। रोजा हर मुसलमान पर फर्ज होते हैं। इस महीने में व्यक्ति खुदा से तोबा करके अपने गुनाहों से भी छुटकारा पा सकता है। मौलाना मतलूब ने लोगों से आहृवान करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से बचने के लिए घरों में रहें और सुरक्षित रहें, साथ में रमजान के महीने में दुआ करें, ताकि इस बीमारी से हमारे देश को छुटकारा मिल सके। शाही इमाम मौलाना मतलूब ने मुस्लिम भाइयों से अपील की है रमजान के महीने में इबादत घरों में रहकर करें और ईद के दुकाने की नमाज अपने गांव की मस्जिदों में अदा करें शहर की तरफ ना जाए भीड़ इकट्ठा ना हो
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