नारनौल 12 मई। कोरोना महामारी के दौरान अगर जिला में कोई बच्चा अनाथ हो गया है या उसे किसी मदद की आवश्यकता है तो इसकी सूचना जिला बाल संरक्षण अधिकारी या पुलिस विभाग को दें। मुसीबत में बच्चों की सहाय
ता के लिए सरकार ने 1098 हेल्पलाइन नंबर जारी किया हुआ है। यह जानकारी देते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी संदीप सिंह ने बताया कि एनसीआर व आसपास के क्षेत्र में कुछ लोग मानव तस्करी के अवैध धंधे में संलिप्त हैं जो कि बच्चों को संतान के इच्छुक माँ-बाप को बेचने की कोशिश करते हैं। उन्होंने बताया कि कानूनी कार्यवाही किए बगैर कोई बच्चा घर में नहीं रखना चाहिए। कोविड काल में मासूम बच्चों की फोटो शेयर कर आमजन की भावना से खिलवाड़ किया जा रहा है। वास्तव में इनकी सत्यता स्पष्ट नहीं है। इसलिए आम नागरिक सावधान रहें और किसी झांसे में आने से बचें। उन्होंने बताया कि जिला बाल संरक्षण कार्यालय बच्चों की सहायता के लिए है। कोई बच्चा संकट में है या शारीरिक व मानसिक रुप से पीड़ित है तो इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर डालने की बजाय जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दी जाए। जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय सुभाष पार्क के नजदीक हुडा सेक्टर-1 के मकान नंबर -721 में स्थित है। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी में कोई ऐसा बच्चा है, जो अपने माता-पिता को खो चुका है तो इसकी जानकारी पुलिस चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, बाल कल्याण समिति या बाल संरक्षण अधिकारी को दी जाए। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया कि किसी भी अनाथ बच्चे को व्यक्तिगत रुप से गोद नहीं लेना चाहिए। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही बच्चा गोद लिया जाना चाहिए। इन दिनों सोशल मीडिया पर कोरोना महामारी का हवाला देते अनाथ बच्चों की फोटो आदि वायरल की जा रही है। इस प्रकार की पोस्ट में यह अपील की जाती है कि इन बच्चों को गोद लेने वाले संपर्क करें जबकि इन पर विश्वास कतई नहीं किया जाना चाहिए।
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