नई दिल्ली, । Covid-19 Testing: जब से कोरोना वायरस का कहर शुरू हुआ है, तभी से वैज्ञानिक दिन रात एक कर इस जानलेवा बीमारी का तेज़ी से पता लगाने के तरीकों पर काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक अनोखा तरीका नीदरलैंड के वैज
ञानिक लाए हैं। उनका दावा है कि मधुमक्खियों की मदद से कोविड-19 संक्रमण का पता कुछ सेकंड में लगाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने एक ख़ास परीक्षण में दावा किया कि मधुमक्खियां संघकर कोविड-19 का पता लगा लेंगी। जब भी उन्हें संक्रमित सैंपल के संपर्क में लाया जाएया, मधुमक्खियां अपनी ज़बान बाहर निकाल देंगी, जिसका मतलब यही होगी कि सैंपल पॉज़ीटिव है। शोधकर्ताओं के अनुसार, कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिए जानवरों की क्षमता से मदद ली जा सकती है। ऐसे किया गया मधुमक्खियों को ट्रेन नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने मधुमक्खियों को गंध से कोविड-19 का पता लगाने के लिए ट्रेन किया। रिसर्च में 150 से ज़्यादा मधुमक्खियों को शामिल किया गया था। इसके लिए वैज्ञानिकों ने चीनी और पानी के घोल का इस्तेमाल किया। इस घोल को मधुमक्खियों को देकर प्रशिक्षित किया। इसके लिए कोरोना से संक्रमित मिंक का गंध इस्तेमाल किया गया। जब कोई इंसान कोविड-19 से संक्रमित होता है, तो उसके शरीर के तरल पदार्थ की गंध संक्रमित न हुए लोगों की तुलना में थोड़ी बदल जाती है। जब मक्खियां के सामने एक स्वस्थ आदमी का सैंपल रखा गया, तो उन्हें बदले में इनाम नहीं दिया गया। इस तरह मधुमक्खियां कुछ सेकंड में ही कोविड के सैंपल को पहचानने लगीं। कुत्ते भी कर चुके हैं कोरोना की पहचान? इससे पहले शोधकर्ता कुत्तों को इंसानी लार या पसीना से कोविड-19 के निगेटिव और पॉजिटिव सैंपल के बीच अंतर करने के लिए ट्रेन कर चुके हैं। छोटे पैमाने पर जर्मनी में किए गए रिसर्च से पता चला है कि कुत्ते कोरोना पॉजिटिव सैंपल की पहचान कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गैर संक्रमित शख्स के मुकाबले कोरोना वायरस के मेटाबोलिक बदलाव संक्रमित शख्स के तरल पदार्थ के गंध को थोड़ा बदल देता है। हालांकि, इस तरह के टेस्ट आमतौर पर हो रहे कोविड-19 के टेस्ट की जगह पूरी तरह से नहीं ले सकते हैं, लेकिन इस तरह के तरीकों का ऐसी जगह इस्तेमाल किया जा सकता है जहां हाई-टेक लैब्ज़ नहीं हैं।
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