बीजिंग, । दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर आने वाले पर्वतारोहियों में 30 से अधिक कोविड संक्रमितों के बाद महामारी के खतरे को अपनी ओर न आने देने को लेकर चीन ने अहम फैसला लिया है। दरअसल एवरेस्ट पर बीजिं
ने अपनी ओर 'सीमा रेखा' बनाने का प्लान बनाया है क्योंकि चीन चाहता है कि उसके क्षेत्र में संक्रमण न आ सके। वर्ष 2019 के अंत में चीन के ही वुहान से घातक कोरोना वायरस की शुरुआत हुई और तीन महीनों के भीतर ही इसने महामारी का रूप ले लिया। माउंट एवरेस्ट चीन-नेपाल सीमा को घेरता है, जिसमें उत्तरी ढलान चीन की ओर है। नेपाली बेस कैंप से निकाले गए संक्रमित पर्वतारोही उल्लेखनीय है कि अप्रैल के आखिरी सप्ताह में एवरेस्ट की चोटी पर कोविड संक्रमण का पहला मामला आया था। इसके बाद कई संक्रमितों की सूचना मिली। 30 से अधिक संक्रमित पर्वतारोहियों को हाल के सप्ताहों में नेपाल की दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित बेस कैंप से निकाला गया। नेपाल कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। चीन भी पहाड़ के उत्तरी किनारे पर स्थित अपने बेस कैंप में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव व नियंत्रण उपायों को बढ़ाएगा। इसके तहत एवरेस्ट के प्राकृतिक क्षेत्र में गैर-पर्वतारोही पर्यटकों को प्रवेश करने से मना किया जाएगा। तिब्बती अधिकारियों के अनुसार उत्तर और दक्षिण ढलानों पर या शीर्ष पर पर्वतारोहियों के बीच संपर्क से बचने के लिए 'रोकथाम के उपाय' करेंगे। तिब्बत पर्वतारोहण संघ के प्रमुख के हवाले से सिन्हुआ न्यूज ने बताया कि माउंटेन गाइड पर्वतारोहियों को चढ़ाई शुरू करने की अनुमति देने से पहले पर्वत के शिखर पर सीमा रेखा बनाएंगे। अधिकारी ने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी। कोरोना संक्रमण के कारण चीन ने पिछले साल से ही विदेशी नागरिकों के पर्वतारोहण पर रोक लगा दी थी।
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