हथीन/माथुर : वर्तमान समय में हमारा वायुमंडल कोरोना संक्रमण से दूषित हो चुका है। यह संक्रमित वायु हमारे शरीर में प्रवेश कर शरीर के सभी अंगों को प्रभावित कर रही है। विशेषकर फेफड़े और श्वसन तंत्
र। संक्रमित वायु कभी-कभी प्राणघातक सिद्ध हो जाती है। हमारे शास्त्रों में हवन यज्ञ द्वारा वायुमंडल को स्वच्छ करने का विधान है। यह जानकारी देते हुए आचार्य राजेश ने बताया कि अथर्ववेद में कहा हैं कि हवन करने से कीटाणुओं का नाश होता है। वातावरण के सारे बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। ऋषि-मुनियों ने भी इसको यज्ञ थैरेपी का नाम दिया। आचार्य राजेश ने कहा इस महामारी के बचाव के लिए हमें अधिक से अधिक पेड़ और पर्यावरण शुद्धि के लिए हवन करना चाहिए। आचार्य ने कहा हवन के द्वारा भी इस कोरोना महामारी से बचा जा सकता है। कोरोना महामारी विश्वव्यापी महामारी है जिसकी बचाव के लिए हमें गरम पानी और दूध में हल्दी तथा घी डालकर पीना चाहिए। प्यास न रोकने पर नारियल का पानी पिए।या गोला के बुरादे को गरम पानी में उबालकर पानी छानकर पीना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा विटामिन सी जिन फलों में जूस बनता है नींबू, मौसमी, संतरा, अंगूर इत्यादि का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें। इस महामारी से समाज में डर और भय का माहौल बना हुआ है इसे आप सावधान रहें। आचार्य जी ने बताया कोरोना महामारी एक सामान्य महामारी की तरह की तरह है जिससे हम घर पर रहकर भी देसी उपचार के द्वारा बचाव कर सकते हैं।
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