कोरोना बना काल अलविदा के जुमे पर नहीं जुटी मस्जिदों में नमाजियों की भीड़

Khoji NCR
2021-05-07 12:25:37

चिराग गोयल,फिरोजपुर झिरका : मुकद्दस रमजान के महीनों में गुलजार रहने वाली मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ नदारद है। शुक्रवार को रमजान माह का आखिरी जुमा यानी अलविदा जुमे के दिन भी मस्जिदों में नम

जियों की भीड़ नहीं जुटी। क्षेत्र का मुस्लिम समुदाय सरकार की हिदायतों के अनुरुप लॉकडाउन का पूरा पालन कर रहा है। इसकी वजह से अधिकांश लोग अपने घरों पर ही नमाज अदा कर बीमारी की रोकथाम में लगे हुए हैं। जिला प्रशासन द्वारा लोगों में फैलाई गई जागरुकता का यहां ऐसा असर है कि अब कोरोना संक्रमितों के मामले न बराबर रह गए हैं। अलविदा जुमे के दौरान जिस तरह फिरोजपुर झिरका की मस्जिदों में नमाजी नहीं जुटे ठीक उसी तरह जिले के नूंह, पुन्हाना, नगीना, तावडू और पिनगवां की भी मस्जिदों में नमाजी कम ही दिखाई दिए। जिन जगहों पर नमाजें अदा की गई वहां शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा गया।जामा मस्जिद के मुफ्ती अहमद साकिर ने बताया कि इस समय हमारे देश में कोरोना काल ने कहर बरपाया हुआ है। इसकी वजह से देश भारी परेशानी और आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। कुदरत के इस कहर पर किसी का बस नहीं है। ऐसे में क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने निर्णय लिया है कि वो इस बार ईद उल फितर के त्योहार को बहुत सादगी और रंजोगम के साथ मनाएंगे। देश पर आई विपदा को देखते हुए अधिकांश मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नए कपड़े इत्यादि सामान भी नहीं खरीदा है। मुस्लिम समुदाय इस मुश्किल घड़ी में अपने देश के साथ खड़ा है। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वो अपने पड़ोसियों व आसपास के लोगों का ख्याल रखते हुए उनकी भरपूर मदद करें। उन्होंने बताया कि माहे रमजान का ये तीसरा और आखिरी असरा है। इस असरे को मगफिरता का असरा कहा जाता है। तीसरे असरे में अपने गुनाहों से तौबा करने वालों की अल्लाह तौबा कबूल करते हैं।

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