काबुल, । अफगानिस्तान में विदेशी सेनाओं की वापसी से तालिबान और अलकायदा को नई जिंदगी मिल गई है। यहां हिंसा की नई इबारत लिखी जा रही है। हर रोज हमले बढ़ते जा रहे हैं। माना जा रहा है कि 11 सितंबर तक से
ा की पूरी वापसी तक हालात बेकाबू हो जाएंगे। तालिबान ने पिछले 24 घंटों में देश भर में कई हमले किए। कंधार में एक पूर्व न्यूज एंकर निकत रवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तालिबान ने कई शहरों पर अब बड़े हथियारों से हमले शुरू कर दिए हैं। जबर्दस्त बमबारी की जा रही है। हेलमंद, जाबुल, बघलान, हेरात, फरह, बदख्शान, ताखर और फरयाब में अफगानी सेना के साथ तालिबान का युद्ध चल रहा है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता फवाद अमन के अनुसार पिछले तीन दिनों में तालिबान ने अपने हमले बढ़ा दिए हैं। इन हमलों में जबर्दस्त नुकसान हुआ है। सुरक्षा बल के 20 सदस्य और 180 तालिबानी मारे गए हैं। सेना ने कई स्थानों पर हवाई हमले भी किए हैं। कुछ क्षेत्रों में कमांडो फोर्स तैनात किए गए हैं। जैसी कि आशंका थी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के 1 मई से सेना वापसी की प्रक्रिया शुरू करने और 11 सितंबर तक पूरी सेना हटा लेने की घोषणा के बाद ही हिंसा तेज हो गई है। तालिबान के साथ ही अब अन्य संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। तालिबान ने पहले अमेरिका से कहा था कि वह अलकायदा के संपर्क में नहीं है। अब यह सामने आ रहा है कि दोनों निरंतर संपर्क में रहकर ही अफगानिस्तान पर कब्जे की योजना बना रहे थे।
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