खोजी/सुभाष कोहली। कालका। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर लॉकडाउन के दौरान दिशा-निर्देशों को जारी तो करता है, परंतु स्वास्थ्य विभाग सरकार द्वारा जारी सामाजिक दूरी जैसी हिदायतों क
पालन करवाने में असफल साबित हो रहा है। सरकारी दिशा-निर्देश केवल कागजों में ही सिमट कर रह गए हैं। कुछ ऐसा ही लापरवाही का नजारा कालका स्थित सब डिविजनल अस्पताल में सामने आया है। बसंत विहार कालका निवासी भुवनेश्वरी शर्मा के अनुसार वह दिनांक 5 मई 2021 को कोविड वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के लिए अस्पताल गई थी। सुबह टोकन लेने के एक घंटे बाद उसकी बारी आई थी। उसने बताया कि एक घंटा तक तो स्वास्थ्य विभाग की साइट पर सिस्टम ही नहीं चला। वैक्सिनेशन के दौरान ना तो सेनिटाइजर की व्यवस्था थी और ना ही लोग दो गज की दूरी बनाए खड़े दिखाई दिए, ऐसे में कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो सकता है। भुवनेश्वरी का कहना है कि वैक्सिनेशन के समय केवल नर्स ही थी, डॉक्टर की भी उपस्थिति जरूरी होनी चाहिए थी। टीका लगाने से पहले डॉक्टर द्वारा व्यक्ति से उसकी बीमारी के बारे पूछताछ करनी चाहिए, उसका बीपी, शुगर टेस्ट वगेरा चैक करना चाहिए, जोकि नहीं हो रहा था। अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना न होना, अपने आप में अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है। भुवनेश्वरी शर्मा के साथ गए उसके परिजन चन्द्रकान्त शर्मा का कहना है कि इस तरह के लॉकडाउन और जारी सरकारी निर्देशों का क्या फायदा, जब उन हिदायतों की पालना ही ना हो सके। वैक्सिनेशन करवाने आये लोगों और अस्पताल प्रबंधन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। चन्द्रकान्त का कहना है कि विश्व में फैली कोरोना महामारी से सभी देश बचाव करने में जुटे हुए हैं, हमारी केंद्र व प्रदेश सरकार भी इससे बचाव के लिए कई कदम उठा रही है। परंतु सरकार द्वारा इसके लिए किये जा रहे प्रयास तभी सफल होंगे अगर इसमें सम्बंधित विभाग और जनता अपना पूरा सहयोग करें।
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