नई दिल्ली, कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते संक्रमितों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है। इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश के कई राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन और कई राज्यों में
नाईट कर्फ्यू लगाया गया है। वहीं, संकट की इस घड़ी में अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज युद्धस्तर पर जारी है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के चलते संक्रमितों की संख्या में बड़ी तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। कोरोना के नए स्ट्रेन पहले की तुलना में अधिक खतरनाक हैं। इससे बचाव के लिए N-95 मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें। अनावश्यक घर से बाहर न निकलें और अपनी बारी आने पर कोरोना वायरस का टीका जरूर लगवाएं। हालांकि, कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। इन सवालों को लेकर जागरण न्यू मीडिया के सीनियर एडिटर Pratyush Ranjan ने 'जागरण डायलॉग्ज़' पर डॉक्टर नरेंद्र के अरोड़ा (वर्तमान में डॉक्टर नरेंद्र अरोड़ा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के संचालन अनुसंधान समूह के अध्यक्ष हैं) से बातचीत की। डॉक्टर नरेंद्र अरोड़ा ने नए स्ट्रेन और टीका समेत कोरोना वायरस के सभी सवालों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आइए जानते हैं- सवाल: COVID-19 वायरस शरीर के अंदर प्रवेश कैसे करता है? डॉक्टर नरेंद्र अरोड़ा ने कहा कि COVID-19 वायरस इन्फ्लूएंजा, फ्लू और निमोनिया के तरह का वायरस है। इस वायरस से व्यक्ति दो प्रकार से संक्रमित हो सकता है। इसमें ड्रापलेटस (थूक से निकलने वाली छोटे-छोटे कण) के माध्यम से व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। इसमें संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से और दूसरा संक्रमित जोन में जाने से हो सकता है। इस स्थिति में स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। इस वायरस से बचाव के लिए मास्क जरूर लगाएं। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। सवाल: टीका लगाना क्यों जरूरी है? इस सवाल का जबाव देते हुए डॉक्टर नरेंद्र अरोड़ा ने कहा, टीका का मुख्य मकसद शरीर में प्रतिशोधक शक्ति पैदा करना है। साथ ही टीकाकरण तीन कारणों से किया जाता है। इनमें पहला गंभीर बीमारी से बचाव, दूसरा असमय मृत्यु से सुरक्षा और तीसरा अन्य लोगों को संक्रमित होने से बचाना है। कोरोना वैक्सीन असमय मृत्य और बीमारी से बचा सकती है।
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