खोजी/सुभाष कोहली। कालका। सब डिविजनल अस्पताल कालका में शौचालयों के ना खोले जाने से अस्पताल में इलाज के लिए जाने वाले मरीजों के साथ-साथ उनके परिजनों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। का
लका हाउसिंग बोर्ड निवासी मुनीष कुमार का कहना है कि वह दिनांक 4 मई 2021 को लगभग 4 बजे किसी बीमारी के इलाज को लेकर अपनी पत्नी के साथ अस्पताल गया था। उस दौरान उसे बाथरूम जाना था, परंतु शौचालय बंद मिलने के कारण उसे दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जब उसकी पत्नी महिला शौचालय गई तो देखा कि महिला शौचालय भी बंद था। ऐसे में मुनीष की पत्नी ने अस्पताल की नर्स से इस बारे संपर्क किया तो उसे नर्स से जवाब मिला कि अपने पति को बाहर कहीं भी ले जाओ। बड़े हैरानी की बात है कि अस्पताल में पुरुषों व महिलाओं के लिए बनाये गए शौचालय केवल शोपीस बनकर ही रह गए हैं। अस्पताल में जाने वाले मरीजों व उनके परिजनों को शौचालयों के बंद मिलने से जगह-जगह भटकना पड़ रहा है, जबकि हर रोज कालका व आसपास के गावों से सैंकड़ों की संख्या में मरीज व उनके परिजन इलाज के लिए अस्पताल जाते हैं। आजकल कोरोना महामारी के चलते हर रोज बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग कोविड-19 की टेस्टिंग ओर वैक्सीन लगवाने के लिए अस्पताल जा रहे हैं। कई घंटों तक उन्हें अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है, ऐसे में उन्हें भी इस समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। इस जनसमस्या को लेकर मिशन एकता समिति की प्रदेश महासचिव कृष्णा राणा की अस्पताल प्रबंधन से मांग है कि शीघ्र ही अस्पताल में बंद पड़े शौचालयों को 24 घंटे खोल कर रखा जाए। अस्पताल में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों के अलावा अस्पताल में एडमिट किसी भी मरीज को किसी भी समय शौचालय की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में शौचालयों का 24 घंटे खुला रहना आवश्यक है। इस सम्बंध में संवाददाता द्वारा अस्पताल के एसएमओ से बात करनी चाही तो संपर्क नहीं हो सका।
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