यज्ञ करने से आत्म शुद्धि के साथ मनऔर आत्मा की शुद्धि भी होती : आचार्य राजेश

Khoji NCR
2020-11-29 10:12:38

हथीन / माथुर : समीपवर्ती ग्राम छपैडा में पूर्णिमा के पर्व पर में वातावरण शुद्धि के लिए हवन अनुष्ठान किया गया। यज्ञ के यजमान योगेश एवं उनकी धर्मपत्नी प्रीति देवी रही। यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य रा

ेश ने कहा यज्ञ के सामान्य तीन अर्थ होते हैं। देव पूजा, संगतिकरण, और दान। देवताओं को उन्नत करने के लिए हमें प्रतिदिन यज्ञ करना चाहिए। जो व्यक्ति प्रतिदिन यज्ञ नहीं करता उसे पूर्णिमा और अमावस्या को करना चाहिए।अच्छे पुरुषों की संगति करना तथा जरूरतमंदो की यथा योग्य सेवा सत्कार करना। आचार्य राजेश कुमार ने कहा यज्ञ करने से आत्म शुद्धि के साथ मन और आत्मा की शुद्धि भी होती है। कोरोना महामारी से बचने के लिए आचार्य राजेश ने कहा शरीर को बीमारी से बचाने के लिए हमें मैदा से बने खाद्य पदार्थ, सफेद मीठा जहर चीनी, सफेद रिफाइंड, आयोडीन युक्त नमक यह चार सफेद ज़हर है उनकी जगह घर का पिसा हुआ आटा, शुद्ध सरसों का तेल, सेंधा नमक के प्रयोग करने से हम लंबे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं, स्वास्थ्य बाजार से नहीं खरीदा सकता। इस अवसर पर रमेश सरपंच, बिजेंदर, मनफूल, रेवती, माया देवी, संतोष, रामवती, प्रभातो आदि उपस्थित रहे

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