हाल-फिलहाल कोरोना की गंभीरता को देखते हुए अगर आप किसी की मदद कर सकते हैं तो जरूर करें। फिर चाहे वो भोजन, पैसा या प्लाज्मा डोनेशन। जी हां, इस वक्त प्लाज्मा डोनेट करना भी रक्तदान जितना ही महान काम
है। सोशल एक्टिविस्ट से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटीज तक सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए इसकी अपील कर रहे हैं तो स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अगर पॉसिबल है तो आगे बढ़कर इसका हिस्सा बनें। कौन कर सकता है प्लाज्मा डोनेट पहले भी कई बार इस बार में बताया जा चुका है लेकिन एक बार फिर से अच्छी तरह जान लें कि कौन प्लाज्मा डोनेट करने योग्य है और इसके लिए क्या-क्या चीज़ें जरूरी होती हैं। 1. कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के 14 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट किया जा सकता है। निगेटिव रिपोर्ट के अभाव में लक्षण खत्म होने के 28 दिन बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं। 2. कोविड में खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण वाले लोगों में एंटीबॉडीज ज्यादा होती है। तो इन लोगों की एंटीबॉडी ज्यादा फायदेमंद होती है। 3. ध्यान रखें कोविड रिकवरी के बाद अगर आपका वजन 50 किलो से ज्यादा हो और उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष तक के बीच हो, तभी आप प्लाज्मा डोनेट करने के योग्य हैं। 4. डोनर का प्लेटलेट्स काउंट 1.5 लाख से कम नहीं होना चाहिए। 5. डोनर का सीरम प्रोटीन अगर 6 ग्राम से कम हुआ तो प्लाज्मा डोनेट नहीं किया जा सकता। 6. गर्भवती महिलाएं प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकती है। 7. प्लाज्मा डोनर में आईजीजी की एंटीबॉडीज की मात्रा जानने के लिए उसे एंटीबॉडी का टेस्ट करवना व उसकी रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। क्यों प्लाज्मा डोनेशन से पहले आईजीजी टेस्ट करना है जरूरी प्लाज्मा डोनेट करने से पहले जरा इस बात को भी जान लें कि आईजीजी टेस्ट का इसमें क्या रोल है और क्यों जरूरी है? जिसे आसपास किसी भी लैब में कराया जा सकता है। क्योंकि बिना इसके प्लाज्मा डोनेट नहीं किया जा सकता। इस रिपोर्ट से बॉडी में एंटीबॉडीज के बारे में पता चलता है। सही मात्रा में एंटीबॉडी बनने पर ही प्लाज्मा दान कर सकते हैं। हीमोग्लोबिन होना चाहिए 12 के ऊपर प्लाज्मा डोनेशन से पहले कई सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। इसके लिए बॉडी में हीमोग्लोबिन परसेंटेज 12.50 ग्राम प्रति डेसीलीटर से कम नहीं होना चाहिए। इससे कम होने पर प्लाज्मा डोनेट नहीं किया जा सकता है।
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