प्रेमजाल में फंसा कर शादी से इंकार करके मरने के लिए उकसाने के आरोप में एक गिरफ्तार। जिला पुलिस कुरुक्षेत्र प्रेमजाल में फंसा कर शादी से इंकार करके मरने के लिए उकसाने के आरोप में किया एक क
ो गिरफ्तार। थाना लाडवा पुलिस ने प्रेमजाल में फंसा कर शादी से इंकार करके मरने के लिए उकसाने के आरोप में आजाद पुत्र मनीष वासी बरोंदी लाडवा को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। यह जानकारी उप पुलिस अधीक्षक (मु.) श्री सुभाष चन्द्र ने दी। जानकारी देते हुए श्री सुभाष चन्द्र ने बताया कि दिनांक 09 अप्रैल 2021 को लाडवा थाना के अन्तर्गत रहने वाले एक व्यक्ति ने थाना लाडवा पुलिस को दिये अपने ब्यान में बताया कि उसकी बहन की लडकी उनके साथ ही रहती थी। कुछ समय पहले उसकी भांजी को आजाद पुत्र मनीष वासी गाव बडौन्दी ने अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था । उसकी भांजी ने उसे बताया कि आजाद उसके साथ प्रेम विवाह करना चाहता है। उसने कहा कि जो फैसला करना सोच-समझ कर करना। कुछ दिन बाद उसकी भांजी ने उसे बताया की वह उससे शादी नही करना चाहता और धमकी देता है कि तुझसे जो होता है कर ले । दिनांक 07 अप्रैल 2021 को उसकी भांजी ने उसको बताया की वह कहता है कि वह तेरे साथ नहीं रहना चाहता तु बेसक मर जा और यदि तु नहीं मर सकती तो मैं तुझे तेल लाकर दे देता हूँ । उसी रात को वह छत पर थी। कुछ देर बाद उसकी भांजी जलती हुई अवस्था में छत से नीचे गिर गई। जिसको उसने व उसकी माता ने बचाने की कोशिश की। मौका पर एम्बुलेंस बुला कर उसकी भांजी को ईलाज के लिए सरकारी हस्पताल लाडवा में ले गये । जहां पर डाक्टर साहब नें मरहम पट्टी करने के बाद सरकारी हस्पताल करनाल का रैफर कर दिया था । जहां से दिनांक 8 अप्रैल 2021 को उसको इलाज के लिए पीजीआई चण्डीगढ का रैफर कर दिया गया था। जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अर्धचेत अवस्था में उसकी भांजी ने उसको बताया था कि उसको मरने के लिए आजाद ने उकसाया था तथा उसको जलने के लिए तेल भी आजाद ने ही लाकर दिया था। जिसकी ब्यान पर थाना लाडवा में मरने के लिए मजबुर करने तथा जलने के लिए ज्वलनशील पदार्थ देने के आरोप में मामला दर्ज करके जांच सहायक उप निरीक्षक प्रदीप कुमार को सौंपी गई। दिनांक 28 अप्रैल 2021 को प्रबन्धक थाना लाडवा निरीक्षक प्रेम चन्द के मार्ग निर्देश में सहायक उप निरीक्षक प्रदीप कुमार की टीम ने आरोपी आजाद पुत्र मनीष वासी बरोंदी लाडवा को गिरफ्तार कर लिया । जिसको माननीय अदालत में पेश करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया ।
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