पुन्हाना, कृष्ण आर्य पुन्हाना शहर में अवैध शराब और नशे में प्रयोग होने वाली दवाइयों की शीशी की बिक्री बड़े पैमाने पर जारी है। पुन्हाना शहर में शायद ही सरकार से मान्यता प्राप्त ठेकों पर इतनी शर
ाब नही बिकती होगी, जितनी अवैध शराब की सप्लाई की जाती है। बड़े पैमाने पर शराब की अवैध रूप से तस्करी करने वालो के प्रशासन तक बड़ी पहुंच बताई जाती है। जिसके कारण ही पुन्हाना में काफी समय से शराब की सप्लाई का धंधा कायम है। इसी तरह नशीली दवाइयों की भारी मात्रा में खपत है, जिसका धंधा भी बड़े स्तर पर जारी है। आसानी से शराब और नशीली दवाइयां मिल जाने के कारण युवा वर्ग पूरी तरह नशे के दल दल में धंसता ही जा रहा है। युवा वर्ग को शहर में छोटी छोटी दुकानों पर बेहिचक शराब और नशे की शीशियां उपलब्ध हो जाती है। उन छोटी छोटी दुकानों पर शराब माफिया बाइक और सेंट्रो कार से दिन रात शराब की पेटियां सप्लाई कर देते है। सबसे बड़ी चौकाने वाली बात ये है कि स्थानीय पुलिस भी छोटे मोटे शराब बेचने वाले दुकानदारों को हर बार पकड़कर खानापूर्ति कार्यवाही कर देते है। लेकिन आज तक पुलिस बड़े मगरमच्छो के खिलाफ कुछ भी कार्यवाही नही कर पाई। ऐसा नही है कि स्थानीय पुलिस को शराब तस्करी में लिप्त लोगो के बारे में जानकारी ना हो, बल्कि शहर के आम आदमी को अवैध शराब सप्लायरो के बारे में जानकारी है तो पुलिस को ऐसे धंधे में लिप्त लोगो के बारे में पूरी जानकारी होती है। बहरहाल यहां यह कहना भी गलत नही होगा कि पुन्हाना क्षेत्र में बिकने वाली अवैध शराब के पीछे पुलिस प्रशासन की सांठगांठ नही है। पिछले लॉकडाउन में जमकर महंगे दामों बिकी थी अवैध शराब: यूं तो पुन्हाना में अवैध शराब बिक्री का धंधा कोई नया नही है। काफी समय से शराब बिक्री का धंधा बेरोकटोक जारी है। पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान अवैध शराब सप्लायरों ने जमकर महंगे दामो में शराब की सप्लाई की थी। सूत्र बताते है कि देशी शराब का 20 रुपये में बिकने वाला पव्वा 120 रुपये तथा पूरी बोतल तीन गुणा दामो में बिकी। सबसे चौकाने वाली बात ये रही कि पूरे लॉकडाउन के दौरान नशेड़ियों के लिए इन शराब सप्लायरों ने शराब की कमी नही आने दी। ऐसे में शराब की बिक्री भी काफी तेजी से हुई। सूत्र बताते है कि पिछली बार अवैध शराब सप्लायरों ने महंगी शराब बेचकर करोड़ो रूपये कमाए। इस बार भी अभी से तैयारी कर ली है। अब की बार भी अवैध शराब की बिक्री में अभी से ही तेजी आनी शुरू हो गई है, साथ ही साथ महंगाई भी शराब की छोटी मोटी सभी बोतलों पर कर दी गई है। लेकिन पीने वालों को दाल, आटा, चावल, चीनी इत्यादि दैनिक राशन के सामानों पर महगांई दिख जाती है, लेकिन शरीर को खोखला करने वाले तम्बाकू उत्पाद, देशी अंग्रेजी शराब , नशे की दवाइयां महंगी नही दिखती है।
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