खोजी एनसीआर/ सोनू वर्मा नूह। पीएचसी उजिना अव्यवस्थाओं व स्टॉफ की कमी से जूझ रहा है। जर्जर हो चुके अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 40 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें विभिन्न मुश्किलों से स
घर्ष करना पड़ता है। अस्पताल में न तो साफ सफाई पर ध्यान दिया जा रहा है और न ही पेयजल व प्रकाश की ही समुचित व्यवस्था है। अस्पताल में बने शौचालय पूरी तरह निष्प्रयोज्य हो चुके हैं। अस्पताल में चौकीदार का पद लंबे समय से रिक्त चल रहा है, लेकिन इस पर तैनाती की सुध नहीं ली जा रही है। समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराए जाने की मांग लंबे समय से ग्रामीणों की ओर से की जा रही है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। नतीजा यह है कि इसका खामियाजा मरीजों व उनके तीमारदारों को भुगतना पड़ रहा है। मरीजों व उनके तीमारदारों को समुचित इलाज के लिए इधर-उधर की दौड़ न लगानी पड़े, इसके लिए उजिना में पीएचसी की स्थापना की गई थी। शुरुआती दौर से ही उपेक्षा व देखरेख के अभाव में भवन समय बीतने के साथ ही जर्जर होने लगा। मरीजो के लिए दवाईयां की व्यवस्था भी नहीं पूरी नही है। कर्मचारियों के आवास पूरी तरह झाड़ियों की चपेट में हैं। सफाई पूरी तरह बेपटरी हो चुकी है। दरअसल अस्पताल में चौकीदार है लकिन रात के समय मे कोई भी चौकीदार नही है। न तो प्रकाश और न ही पेयजल की समुचित व्यवस्था है। ऐसे में कर्मचारियों व चिकित्सक को पानी की व्यवस्था खुद ही करनी पड़ती है।
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