तावडू, 2० अप्रैल (दिनेश कुमार): नवरात्र महोत्सव के आठवें दिन (अष्टमी) मंगलवार को शहर व क्षेत्र के माता मन्दिरों सहित अन्य मन्दिरों में माता के आठवें रूप महा गौरी की श्रद्धालुओं ने श्रद्धापूर्व
पूजा अर्चना की। वहीं उपवास रखने वाले उपासकों ने उध्यापन कर कन्याओं को भोजन कराया। शहर के वार्ड नंबर 14 में स्थित श्रीसाईं धाम मंदिर में नवमीं के आरंभ पर पूजा अर्चना व हवन विधिवत किया गया। शहर में प्रात: से ही कन्याओं को भोजन कराने के लिए होड लगी देखी गई। हर गली मौहल्ले से यही आवाज आ रही थी पहले मेरे घर तो पहले मेरे घर कन्याएं भोजन करें। बताया जाता है कि भगवान शिव ने काली जी पर गंगाजल छिडका तो वह महा गौरी हो गई। महा गौरी सृष्टि का आधार है। महागौरी ही अक्षत सुहाग की प्रतीक देवी है। देवी के इस रूप की पूजा अर्चना विवाहित महिलाओं को अखण्ड शौभाग्य का फल प्रदान करती है। नवमी के दिन माता सिद्धीदात्री की पूजा अर्चना उपासकों द्वारा आज बुधवार को की जाएगी। नवमीं नवरात्र महोत्सव का आखरी दिन है। आठ दिन तक देवी की आराधना करने के बाद नवें दिन राम के जन्म के रूप में रामनवमी आती है।
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